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दिवाली-दशैं मेला में बोले CM पुष्कर,`मातृ भूमि की रक्षा में गोर्खालियों की अप्रतिम भूमिका’:शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार में गोरखा समाज की भागीदारी को सुनिश्चित करेगी सरकार

नेपाल से आए दोहोरी गायकों-सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को झूमने-उठ के नाचने के लिए किया मजबूर

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को डाकरा-गढ़ी कैंट के महेंद्र ग्राउंड पर आयोजित दिवाली दशैं मेले में कहा कि मातृभूमि की रक्षा में गोरखा समाज की भूमिका सदा ही अप्रतिम रही है.सरकार शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार में गोरखा समाज की भागीदारी को सुनिश्चित करेगी.3 दिन के मेले के दूसरे दिन नेपाल से आए लोक गायकों के दोहोरी गीतों और नृत्य की प्रस्तुतियों ने लोगों को झूमने और उठ के नाचने के लिए मजबूर कर दिया.

वीर गोर्खा कल्याण समिति दूधली के आयोजन ‘गोर्खा दशैं-दीपावली सांस्कृतिक महोत्सव-2024’ में लगातार दूसरे दिन लोगों ने नेपाली भोजन के साथ ही नेपाली नेवारी और चंपारण के मटन समेत तमाम चीनी व्यंजनों का स्वाद लिया और मंच पर एक से एक बेहतरीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का जम के गुलाबी सर्दी और शाम में लुत्फ़ लिया.

मुख्यमंत्री पुष्कर पहली बार इस मेले में आए.उन्होंने कहा कि गोरखा समाज का इतिहास गौरवशाली संस्कृति, समृद्ध परंपराओं और अदम्य वीरता का प्रतीक है। दशैं पर्व, माँ दुर्गा की उपासना और उनके नौ दिव्य रूपों की आराधना को समर्पित है। दशैं पर्व हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.इसके माध्यम से हम अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और सामाजिक मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाते हैं।

CM ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे अनेकों क्षेत्रों में गोरखा समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने-गोरखा समाज की सांस्कृतिक धरोहरों को भी बढ़ावा देने लिए विशेष प्रयास कर रही है। संस्कृति विभाग में  गोर्खा दशैं – दीपावली सांस्कृतिक महोत्सव को भी शामिल कर इसको हर संभव अनुदान की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा गोरखा समाज की सांस्कृतिक परंपराओं और धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी।

CM ने कहा कि आधुनिक भारतीय संस्कृति में गोरखा समाज की अहम भूमिका है। भारत और नेपाल की सांस्कृतिक घनिष्ठता दिखाती है कि हमारी जड़ें और मूल एक ही हैं। गोरखा समाज ने सदियों से देश की सीमाओं की रक्षा की है। अमर शहीद मेजर दुर्गा मल्ल, परमवीर चक्र से सम्मानित लेफ्टनेंट कर्नल धन सिंह थापा और प्रथम अशोक चक्र विजेता नर बहादुर थापा के अद्वितीय शौर्य को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

नेपाली ढाका टोपी पहने मुख्यमंत्री ने कहा कि 1962, 1965 के युद्ध ,कारगिल युद्ध (1999) युद्ध में भी गोरखा रेजिमेंट के हमारे जवानों ने हर मोर्चे पर अपनी बहादुरी का परिचय दिया। गोरखा समाज सीमाओं की रक्षा के साथ राज्य के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर नेपाल के राजदूत डॉ. सुरेंद्र थापा, विधायक विनोद चमोली, ले. जनरल राम सिंह प्रधान, कमल थापा, विशाल थापा भी मौजूद रहे।

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