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कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की जांबाजी को पूरी दुनिया ने देखा:CM-पुष्कर:शहीदों को श्रद्धांजलि दी:उपनल के जरिये रोजगार के लिए विदेश भी भेजे जाएंगे पूर्व फौजी-Civilians:PVC विजेताओं को 50 लाख के बजाए 1.5 Cr दिए जाएंगे

चमोली-नैनीताल में सैनिक विश्राम गृह के निर्माण का ऐलान

Chetan Gurung

पाकिस्तानी फौज और उसके भेजे गए घुसपैठियों को खदेड़ के सरहद को महफूज  करने की साल-1999 में कश्मीर के कारगिल-द्रास-बटालिक में हुई जंग (Operation Vijay) के दौरान देश और फर्ज के वेदी पर शहीद जाँबाज सैनिकों को शौर्य दिवस पर CM पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी वीरता और बलिदान को याद किया। शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया।  उपनल के जरिये पूर्व सैनिकों और Civilians को रोजगार के लिए विदेश भेजने का ऐलान भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को राजधानी के गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही चमोली के कालेश्वर में ECHS और सैनिक विश्राम गृह तथा नैनीताल में भी सैनिक विश्राम गृह के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों को रोजगार के लिए विदेश भेजा जाएगा। इनमें 50 प्रतिशत असैनिक (Civilians) होंगे। उपनल के माध्यम से राज्य के 22,500 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। उनके विनियमितीकरण की प्रक्रिया चल रही है।

CM पुष्कर सिंह धामी ने मंच पर ही कारगिल शहीद परिजन के चरण स्पर्श किए

कारगिल शहीद परिजनों के साथ CM PSD-मंत्री गणेश जोशी और MP नरेश बंसल

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CM ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों को देश हमेशा याद रखेगा। कारगिल की घाटियों, पहाड़ों और आसमान में भारत के जवानों के शौर्य और वीरता को पूरी दुनिया ने देखा। उत्तराखंड के 75 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थेउन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही सेना को अत्याधुनिक तकनीकों और हथियारों से सज्जित किया जा रहा है। हाल ही में सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चला के 4 दिनों के भीतर पाकिस्तान को घुटनों के बल पर ला दिया था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में One Rank-One Pension योजना लागू करने,National War Memorial निर्माण, रक्षा बजट में वृद्धि एवं Border पर Infrastructure ठोस करने पर अहम कार्य हुए।

PSD ने कहा कि राज्य सरकार ने शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये करने के साथ ही परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिक धनराशि में भी वृद्धि की है। PVC विजेताओं (शहीद होने की सूरत में NoK परिजनों को) को 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रूपये देने का फैसला किया गया। शहीदों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जा रही है। इसके लिए आवेदन करने की अवधि को भी 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है। राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए परिवहन निगम की बसों में यात्रा की मुफ्त व्यवस्था करने के साथ सेवारत व पूर्व सैनिकों के लिए 25 लाख रुपये तक की सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है।

 

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि  कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 और देहरादून के 31 जाँबाजों ने शहादत दी थी।  अब तक राज्य के 1831 जवान शहीद हुए हैं। इनमें से 1528 जवानों को वीरता पुरस्कार मिला है। 344 विशिष्ट सेवा पदक हमारे उत्तराखंड के वीर जवानों को मिले हैं। राज्य सरकार ने शहीद जवानों के परिवार के अब तक 37 लोगों को रोजगार मिला है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, सचिव (सैनिक कल्याण) दीपेंद्र चौधरी, निदेशक Ret ब्रिगेडियर अमृत लाल,MD (उपनल) Ret ब्रिगेडियर JS बिष्ट, जिलाधिकारी सविन बंसल, SSP अजय सिंह उपस्थित थे।

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