
Chetan Gurung
Top Experts का मानना है कि हाइड्रोजन सुरक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करना जरूरी है। Graphic Era Deemed University में सुरक्षित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था विषय पर Seminar में उन्होंने अपने विचार ठोस तर्कों और तथ्यों के साथ पेश किए।
सेमिनार में वैज्ञानिक व IIT-दिल्ली की प्रक्रिया सुरक्षा व जोखिम प्रबन्धन सलाहकार डा. चित्रा राजगोपाल ने कहा कि हाइड्रोजन उत्पादन में डिजाइन स्टेज में ही सुरक्षा योजना को बनाना आवश्यक है। हाइड्रोजन सुरक्षा में बिग डेटा, डेटा एनलिसिस जैसे अन्य टूल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
डा. राजगोपाल ने कहा कि हाइड्रोजन सुरक्षा को पाठ्यक्रम में जोड़ना जरूरी है। इस विषय को नई पीढ़ी अच्छे से तभी समझ सकेगी। इसके लिए विशेषज्ञों को सभी को प्रशिक्षण देना होगा। उन्होंने केस स्टडीज के माध्यम से हाइड्रोजन उत्पादन, जोखिम प्रबन्धन और उसके परिवहन से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधानों पर प्रकाश डाला।
इसके साथ ही उन्होंने डेटा एनालिटिक्स, इलैक्ट्रानिक्स डिटेक्टर्स, लाइफ साईकिल एनालिसिस, सेफ्टी एनालिसिस, ग्रीन एनर्जी, बायोमास फोर हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में शोध करने की जरूरत पर भी बल दिया। सेमिनार का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से किया।
कार्यक्रम में कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह, प्रो-वाईस चांसलर डा. संतोष एस. सर्राफ, डीन इंण्टरनेशनल कोलाबोरेशन डा. मांगेराम, डायरेक्टर सेण्टर ऑफ एनर्जी डा. BS नेगी, डा. राजेश पी. वर्मा व विभिन्न विभागों के HoDs, Teachers, PhD स्कोलर्स और Students मौजूद रहे।