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Big Story::National Games में कमाल-कामयाबी से CM पुष्कर के सियासी वजन-कद-Confidence में जोरदार इजाफा:Assembly Session में Opposition के सामने सरकार को घेरने की कठिन चुनौती

Chetan Gurung

Assembly Session में इस बार CM पुष्कर सिंह धामी Delhi विधानसभा चुनाव में BJP की अभूतपूर्व और एतिहासिक किस्म की विजय में जोरदार Strike Rate के साथ अहम भूमिका निभाने के बाद पहली बार उत्तराखंड की धरती पर आयोजित 38वें National Games में देवभूमि को खेल भूमि में तब्दील करने की अद्भुत कामयाबी के साथ विपक्ष के हमलों का सामना करने और जवाब देने के लिए कहीं अधिक बढ़े कद-वजन और आत्मविश्वास से लबरेज नजर आएंगे। Congress के लिए सदन में उनको और Treasury Bench को घेरने की कोशिश करते देखना दिलचस्प इसलिए रह सकता है कि वह किन-किन और किस किस्म के हथियारों का इस्तेमाल करेगा!

देश भर में BJP शासित राज्यों के CMs में सिर्फ पुष्कर को ही न सिर्फ PM नरेंद्र मोदी-HM अमित शाह और संघ का Blue Eyed Boy समझा जाता है बल्कि तीनों की सोच और Agenda का साकार करने में सबसे आगे भी वही साबित होते रहे हैं। UP के CM योगी आदित्यनाथ या अन्य BJP सरकारों के CMs या तो किसी न किसी किस्म के भारी विवादों से घिरे रहते हैं या फिर उनका प्रदर्शन औसत है। PSD आज की तवारीख में सभी समकालीन या फिर Seniors CMs में बहुत आगे हैं। उनको BJP की सियासत में पारस पुष्कर कहा जा रहा है। इसकी वजह उनका जिस भी Elections (लोकसभा-विधानसभा) में बतौर सितारा प्रचारक जाना होता है, उसमें BJP को तकरीबन सौ फीसदी के करीब सफलता हासिल होना है।

ताजा मिसाल दिल्ली विधानसभा की है। वहाँ वह जिन विधानसभा सीटों पर प्रचार के लिए पहुंचे, वहाँ कमल खिल उठा। हरियाणा-महाराष्ट्र Assembly Elections में भी ऐसा ही हुआ। उत्तराखंड में उनकी अगुवाई में BJP ने हालिया Local Bodies Elections में भी तिलस्मी नजारा दिखाते हुए कामयाबी से सभी को हैरान कर डाला। देहरादून-हल्द्वानी-हरिद्वार समेत तमाम नगर निगमों में Mayor की सीटों को फंसा हुआ बताया जा रहा था। BJP के सभी दिग्गज चेहरे और मंत्रियों की TRP तकरीबन जमीन पर रहने के चलते अकेले मुख्यमंत्री ने कमान संभाली। उन्होंने हर वह प्रमुख सीट निकाल दिखाई, जिसको फतह करना BJP और खुद उनके लिए नाक का सवाल बना हुआ था। स्थानीय निकाय चुनावों में BJP की कामयाबी पार्टी की न हो के पुष्कर की ही है। श्रीनगर Mayor सीट का ठेका अन्य मंत्रियों और नेताओं ने लिया और यहीं BJP को मात मिली।

PSD का ही जलवा और Elections Management का कमाल था कि तमाम ऐसी सीटों पर भी BJP ने फतह दर्ज कराई जहां अंदरूनी झगड़ों और भीतरघात ने खूब जगह पाई थी। सियासी तौर पर इन चुनावों ने UCC अमल में ला के देश-दुनिया में सुर्खियां बटोर रहे और आला कमान के और चहेते हो गए मुख्यमंत्री के कंधों पर एक और चमकदार सितारा National Games के अविश्वसनीय सफल आयोजन के तौर पर सजा है। World Championship-Olympics-Asian Games में कई बार देश का प्रतिनिधित्व कर चुके मौजूदा और पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों के साथ ही Indian Olympic Association की President Legend PT उषा ने भी कहने में कोई गुरेज नहीं किया कि आयोजन का Standard कहीं-कहीं Olypic और World Championship से भी आला दर्जे का रहा। छोटे से उत्तराखंड राज्य से इस किस्म के आयोजन की उम्मीद किसी को भी इसलिए नहीं थी कि इससे पहले के National Games आयोजन star के मामले बहुत ही मामूली दर्जे के रहे थे।

जो Infrastructure बहुत ही कम समय मिलने के बावजूद पुष्कर सरकार ने तैयार किया और जो सुविधाएं खिलाड़ियों और Officials को NG के दौरान मिली, वह यादगार किस्म की रहीं। ये राज्य का पहला ऐसा आयोजन था, जो न सिर्फ बहुत बड़ा था बल्कि विवादों से दूर और कामयाबी का शिखर छूने में सफल रहा। ताइक्वांडो खेल के DoC को ले के जो विवाद हुआ था, वह चंद दिनों में ही HC ने ये कह के फुस्स और खारिज कर दिया कि इसमें कोई दम नहीं है। सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही कि उत्तराखंड ने 103 Medals (24 Gold-34 Silver समेत) जीत के Top-7 राज्यों के Group में जगह बनाई। UP-गुजरात-पंजाब-बंगाल-राजस्थान सरीखे बड़े राज्यों को बहुत पीछे छोड़ के हैरान कर डाला। इस सफल आयोजन से पुष्कर का विधानसभा सत्र के दौरान ताजा दम और हौसले से ओतप्रोत दिखना स्वाभाविक है।

आज नौबत ये है कि जो अवस्थापना सुविधाएं उत्तराखंड ने तैयार की है, वह भारत और मोदी सरकार की Mission-2036 Olympic की मेजबानी के दावे को मजबूत करने में निश्चित तौर पर मदद करेगा। बड़े और नियमित खेल आयोजनों से इन Stadiums-Indoor Halls को संरक्षित और अपने खिलाड़ियों को International स्तर पर पदक जीतने के लिए तैयार करने में बड़ी मदद मिलेगी। इसके लिए सरकार को खास तौर पर Uttaranchal Olympic Association और खेल संघों के साथ उसी किस्म का तालमेल दिखाना होगा, जैसा उसने National Games के दौरान दिखाया। UoA ने साबित किया कि उसका साथ NG के आयोजन में किस कदर अहम और जरूरी था। कई मामलों में UoA ने सरकार की बहुत ही अहम किस्म की मदद कर आयोजन को कमाल की कामयाबी दिलाने में बेहद बड़ी भूमिका निभाई। IOA से समन्वय की ज़िम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ उसी ने निभाई। CM पुष्कर ने UoA पर पूरा विश्वास जताया और सम्मान दिया। किसी भी राज्य में सरकार और ओलिम्पिक संघ में इतनी बेहतरीन जुगलबंदी कहीं नहीं देखी गई थी। 38वें NG की चमत्कारिक सफलता ने पुष्कर की TRP को आसमान पर पहुंचा दिया है।

 

 

 

 

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