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पुष्कर सरकार का पारिवारिक मिलन अभियान:सालों बाद मिले-नम हो आई आंखें:नारी निकेतन में रह रही महिलाओं को परिवार से मिलाने की कोशिश:अब तक 23 महिलाओं को मिल चुका है बिछड़ा परिवार

Chetan Gurung

सालों पहले अपने परिवार से अलग-अलग वजह से बिछड़ गई महिलाओं को पुष्कर सरकार लगातार उनके परिजनों को तलाश के फिर से उनके सुपुर्द करने में जुटी है.महिला बाल कल्याण विभाग के अधीन देहरादून के केदारपुरम में स्थित नारी निकेतन में ऐसी कई भावुक कर देने वाली सच्ची कहानियां हैं.हाल में ऐसी कई मिसालें सामने आईं.

CM Pushkar Singh Dhami-बिछुड़ी महिलाओं को परिवार से मिलाने केअभियान की अगुवाई

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार इस किस्म के निराश्रितों के जीवन में उजाला और रंग भरने में जुटी हुई है। सरकार इसके लिए Family Re-Union Programme चला रही है. अब तक 23 महिलाओं को उनके बिछड़े परिवार से इस अभियान में मिलाया जा चुका है।

इस अभियान में देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही पड़ोसी देशों (नेपाल, बांग्लादेश) के भी परिवार से बिछड़ गई और निकेतन में पहुँच चुकी महिलाओं को उनके परिवारों की तलाश कर मिलाने का सिलसिला चल रहा है.बांग्लादेश की नूरजहां को 32 साल बाद अपना परिवार मिल पाया है। रांची (झारखंड) की जूनी टोपो भी 30 साल बाद अपने परिवार से मिल पाई।

असम की वृंदा 17 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गई थी. उन्होंने लंबा समय आश्रमों में बिताया. वृंदा को 25 अगस्त 2023 को देहरादून नारी निकेतन में दाखिल कराया गया। यहां प्रोग्राम फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत उनकी निरंतर काउंसिलिंग की गई. तब जा के उनके परिवार का नाम पता जानने में कामयाबी हासिल हुई।

इसी साल 29 अप्रैल को वृंदा के भाई उन्हें लेने के लिए देहरादून पहुंचे. कानूनी औपचारिकता के बाद उन्हें परिवार को सौंप दिया गया। नेपाल की कमला कुमारी साल-2012 में अपने परिवार से बिछड़ गई थी। इसके बाद वह-2016 में अचानक उत्तरकाशी में मिली.स्थानीय जिला प्रशासन ने उसे नारी निकेतन भेज दिया। Re-Union Programme के चलते रोलपा (नेपाल) में उनका बेटा मिल गया है। इसी महीने 3 अक्तूबर को कमला का बेटा अपनी बिछड़ी मां को लेकर ख़ुशी-ख़ुशी वापस नेपाल लौट गया।

CM पुष्कर सिंह धामी इस अभियान और बिछुड़ी महिलाओं को उनके परिवार तक पहुँचाने को ले के बेहद गंभीर हैं.वह इस बाबत रिपोर्ट लेते रहते हैं.उन्होंने कहा कि निराश्रित महिलाओं की घर वापसी के साथ ही उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करने के लिए नेटवर्क तैयार किया गया है। सालों के बाद परिवार से मिलने के बावजूद महिलाओं का जीवन सुरक्षित बना रहे,इसकी भी फ़िक्र और व्यवस्था सरकार कर रही है। इन महिलाओं को कौशल विकास का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

 

 

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