उत्तराखंडदेशराजनीतिराष्ट्रीयशिक्षा

CM पुष्कर इस बार 2 रावण प्रतीक पुतलों के संहार के बने गवाह:कहा, `अहंकार से रहें दूर’:परेड मैदान-लक्ष्मण चौक में रावण पुतला दहन में पहुंचे

Chetan Gurung

चुनावों में सियासी प्रतिद्वंद्वियों को धुंए में बदल रहे CM पुष्कर सिंह धामी आज विजय दशमी पर दो आयोजनों में पहुंचे और हजारों की तादाद में मौजूद लोगों के सामने रावण-कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों को भगवान राम के बाण से उत्पन्न ज्वाला में धू-धू कर के भस्म होने के साक्षी बने.उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह पर्व रावण सरीखे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान राम के आदर्श जीवन के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। ये सन्देश देता है कि सच्चाई, धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने से हमेशा बुराई पर अच्छाई की ही जीत होती है। अहंकार को अपने जीवन में स्थान कतई नहीं देना चाहिए.इसी के चलते रावण और उसकी लंका जलकर खाक हो गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई ऐसे स्थान हैं जो भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान से संबंधित घटनाओं के साक्षी रहे हैं। भगवान हनुमान, चमोली के द्रोणागिरी पर्वत से ही संजीवनी लेकर गए थे। भगवान श्रीराम के कुल गुरु वशिष्ठ की तपस्थली ऋषिकेश में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कर सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का काम किया गया है।

पुष्कर ने कहा कि अयोध्या की पावन भूमि पर जल्द ही राज्य सरकार उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह का निर्माण करने जा रही है। राज्य सरकार ने पौलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का नाम बदलकर माँ सीता के नाम पर ‘‘सीतावनी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी’’ रखा है। राज्य में डेमोग्राफी चेंज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड की पवित्र भूमि का सनातन स्वरूप सदा के लिए सुरक्षित रहेगा.

परेड मैदान पर राम के हाथों तीर से पुतला दहन के दौरान मंत्री गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, संतोष नागपाल, गगन सेठी, नेहा जोशी, पुनीत मित्तल,विशाल गुप्ता और अशोक वर्मा भी मौजूद रहे. CM ने लक्ष्मण चौक में भी राम के हाथों से बाण वर्षा और हजारों की भीड़ के सामने राम के उद्घोष के बीच रावण और उसके भाई कुम्भकर्ण-बेटे मेघनाद के पुतलों को आग के हवाले होते देखा.यहाँ उनके साथ मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल-नरेश बंसल-खाजन दास,दिनेश अग्रवाल,राकेश अग्रवाल,सिद्धार्थ अग्रवाल,पुनीत मित्तल मौजूद थे.

ये शायद पहला मौक़ा है जब मुख्यमंत्री विजय दशमी पर दो आयोजनों में शामिल हुए,दोनों आयोजनों में मुख्यमंत्री से हाथ मिलाने और उनके करीब पहुँचने की कोशिश करने वालों का उत्साह बहुत दिखाई दिया.पुष्कर ने भी कईयों को निराश नहीं किया.वह उनके करीब पहुंचे.उनसे हाथ मिलाया.बच्चों से भी उन्होंने मुलाकात कर उनको स्नेह दिया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button