हिमालय-जल-जंगल पर अधिक गंभीर होने का वक्त:Committee गठित होगी:हर साल 2 सितम्बर को बुग्याल दिवस:CM पुष्कर

Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने देश के साथ ही देहरादून में भी इस साल तापमान बढ़ने को जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हुए इसको गंभीर करार देते हुए कहा कि हिमालय-जल-जंगल के संरक्षण को ले के अधिक गंभीर होने का वक्त आ गया है.इसके लिए Committee गठित की जाएगी.हर साल 2 सितम्बर को बुग्याल दिवस मनाया जाएगा.
सोमवार को हिमालय दिवस पर अपने आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उन्होंने कहा कि हिमालय के सरोकारों से जुड़े विषयों के लिए महानिदेशक (यूकॉस्ट) दुर्गेश पंत की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। उन्होंने यूकॉस्ट के पांचवें देहरादून, अन्तरराष्ट्रीय साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। यह महोत्सव देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ स्थित इंजिनियरिंग कॉलेजों में आयोजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने उन्होंने कहा कि राज्य में हर वर्ष 2 सितम्बर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाया जाएगा। देहरादून में भी इस वर्ष तापमान में काफी वृद्धि हुई। तापमान इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले समय के लिए चिंताजनक है। हमें सोचना होगा कि आने वाली पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने तमाम आपदाएं देश-दुनिया मे देखी हैं। इस बार भी हमारे प्रदेश में कई जगह आपदा आई। सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब 17 दिन तक रेस्क्यू चल रहा था तो बहुत बार लगता था कि आज ब्रेक थ्रू होगा लेकिन कुछ न कुछ अड़चन आती रही। दुनिया भर की तकनीक उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से हमें मिली.आखिरकार हम सफल रहे.
CM ने कहा कि जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है. इसके लिए स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूवनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। हिमालय के संरक्षण के लिए अनेक कार्य किए जा सकते हैं। हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड पहला राज्य है जहाँ GEP की शुरूआत की गई है। राज्य में इकोलॉजी व इकॉनमी में संतुलन बनाकर विकास पर बल दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में भी उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाने की आवाज उठाई है। उत्तराखंड की जनसंख्या सवा करोड़ है.व्यवस्था हर साल लगभग 10 करोड़ लोगों के लिए करनी पड़ती है। राज्य में आने वाली फ्लोटिंग पोपुलेशन को ध्यान में रखकर योजना बनाने के लिए नीति आयोग की बैठक में अनुरोध किया गया है।
हेस्को के संस्थापक और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हिमालय से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक क्षेत्र में भी ले जाना होगा। विधायक किशोर उपाध्याय,महानिदेशक दुर्गेश ने भी अपनी बात रखी.विधायक सविता कपूर, विधायक उमेश शर्मा काऊ, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, प्रमुख वन संरक्षक डा. धनंजय मोहन, इसरो देहरादून के निदेशक RP सिंह,IIP के निदेशक हरेन्द्र बिष्ट भी उपस्थित थे।