Graphic Era अस्पताल के विशेषज्ञों ने सिर्फ ढाई इंच का चीरा लगा के एक मरीज की Open Heart सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने का कमाल कर दिखाया.
सेलाकुई के करीब धूलकोट स्थित अस्पताल में बड़े चीरे और सीने की हड्डी काटे बगैर सर्जरी को कर दिखाया.एक हफ्ते में ऐसे दो आपरेशन करके विशेषज्ञ Doctors ने ओपन हार्ट सर्जरी की दिक्कतों को बहुत कम कर दिया है। इन दोनों मरीजों को ज्यादा दिन ICU में भी नहीं रखना पड़ा। जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, उसको चिकित्सा विज्ञान में एकदम नया माना जाता है.
सामान्य तौर पर बाई पास सर्जरी या ओपन हार्ट सर्जरी के लिए पसलियों को जोड़ने वाली सीने की हड्डी काटने के साथ ही करीब 6 ईंच का चीरा लगाना पड़ता है। इसके बजाए ढाई ईंच का ही चीरा लगाकर कामयाब ओपन हार्ट सर्जरी करने वाले विशेषज्ञों के दल के प्रमुख व ग्राफिक एरा अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग के HoD डॉ अखिलेश पांडेय ने बताया कि इस नई तकनीक से ओपन हार्ट सर्जरी करने पर बहुत कम खून निकलता है.
इसके साथ ही मरीज को आपरेशन के बाद होने वाला दर्द भी बहुत कम होता है। इस कारण मरीज को ICU में कम दिन रखना पड़ता है. वह जल्द ठीक होकर घर चला जाता है। डॉ पांडेय ने बताया कि सामान्य विधि से ओपन हार्ट सर्जरी करने के बाद मरीज को करीब 3 महीने तक गाड़ी चलाने, बाल्टी, ब्रीफकेस उठाने के लिए मना किया जाता है.
नई तकनीक से ओपन हार्ट सर्जरी के बाद मरीज हफ्ते 10 दिन बाद ऐसे सारे काम कर सकता है। दोनों ऑपरेशन देहरादून के अधिक उम्र के लोगों के किए गए. एक की आयु 80 वर्ष और दूसरे की 60 वर्ष है। दोनों अब ठीक हैं। ह्रदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार इसी तकनीक से छह माह में ग्राफिक एरा अस्पताल में हार्ट के वॉल्ब बदलने के 10 और छोटे बच्चों के दिल के छेद ठीक करने के 6 ऑपरेशन किए जा चुके हैं.सभी पूरी तरह सफल रहे हैं।
नई तकनीक से ओपन हार्ट सर्जरी करने वाले विशेषज्ञों के दल में डॉ राज प्रताप सिंह, डॉ पुलकित मल्होत्रा और डॉ सत्य प्रकाश भी शामिल थे। ग्राफिक एरा अस्पताल के निदेशक डॉ पुनीत त्यागी ने Heart के ऑपरेशन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी प्रगति करार दिया.ग्राफिक एरा अस्पताल में नई तकनीकों से जुड़ी अत्याधुनिक मशीनों और बहुत अनुभवी विशेषज्ञ होने से अनेक के रोगों के उपचार में नई तकनीक का उपयोग हो रहा है.