Chetan Gurung
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन में तमाम पदों पर नियुक्ति का रास्ता पुष्कर मंत्रिमंडल की बैठक के बाद साफ हो गया है। आयुक्त (खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन) डॉ R राजेश कुमार के अनुसार खाद्य अपमिश्रण पर अंकुश लगाने के लिए मानव संसाधन की कमी जल्दी दूर कर ली जाएगी।
Dr R Rajesh Kumar
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गढ़वाल मण्डल में देहरादून में खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित करने और विश्लेषणशाला के लिए 13 पदों (खाद्य विश्लेषक, वरिष्ठ विश्लेषक खाद्य, वैज्ञानिक अधिकारी (खाद्य), वैज्ञानिक सहायक (खाद्य) एवं कनिष्ठ विश्लेषक) के पदों को सृजित किया गया है। सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं के संचालन के लिए 8 पदों को आउटसोर्स के माध्यम से भरने की भी कैबिनेट ने सहमति प्रदान की है। कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य), प्रयोगशाला सहायक व वाहन चालक के पद इनमें शामिल किए गए हैं।
डॉ आर राजेश ने बताया कि राज्य के रूद्रपुर स्थित विश्लेषणशाला में खाद्य नमूनों की परीक्षण सीमा प्रतिवर्ष 3 हजार नमूने हैं। ये काफी कम है.भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली ने राज्य को 7200 खाद्य नमूनों के परीक्षण का लक्ष्य दिया गया है। नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट निर्गत होने में देर हो रही है. कर्मचारियों की तैनाती से इसमें तेजी आएगी और लक्ष्य पूरा कर सकेंगे।
आयुक्त ने बताया कि शीघ्र खराब होने वाले दूध एव दूध से निर्मित खाद्य नमूनें एवं मिठाईयां राज्य के दूरस्थ जिलों से रूद्रपुर विश्लेषणशाला पहुंचने से पूर्व खराब हो जाती हैं। अब इन नमूनों का देहरादून स्थित नवनिर्मित लैब में सुरक्षित समय सीमा के अंदर परीक्षण किया जा सकेगा. इससे मिलावट एवं मिलावटखोरों पर रोक लग जाएगी.
डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट समय सीमा के अन्दर निर्गत की जाएगी.देहरादून में नई लैब स्थापित हो जाने से रूद्रपुर लैब पर दबाव कम हो जाएगा। उत्तराखण्ड में सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं के संचालन से खाद्य नमूनों का मौके पर ही परीक्षण करके आम नागरिकों को जनजागरूक कर प्रशिक्षण दिया जा सकता है। 8 आउटसोर्स पदों का शासन ने इसके लिए सृजन किया है.