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कमाल है!!शिक्षा मंत्री पर भारी CEO!धन सिंह के आदेश की बार-बार धज्जियाँ!HC का भी सम्मान नहीं:Sub Judice होने पर भी फैसले

Sun valley School की मान्यता ख़त्म करने का फरमान जारी करने के बाद अन्य स्कूलों के मालिकों संग बुलाई बैठक:वासु ने HC की अवमानना करार दिया

Chetan Gurung

राजधानी के बेहद प्रतिष्ठित और नामी स्कूल Sun Valley की मान्यता RTE की आड़ में ख़त्म करने का आदेश करने के मामले में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत पर मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार भारी पड़ रहे हैं!मंत्री कुछ निर्देश देते हैं लेकिन CEO उसी पल अपने हिसाब से मंत्री के फैसले के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.High Court का भी सम्मान नहीं किया जा रहा है.मामला Sub Judice होने के बावजूद स्कूल के खिलाफ कार्यवाही में कोई रियायत नहीं की जा रही है.मंत्री ने www.chetangurung.in से कहा कि उन्होंने शिक्षा सचिव डॉ रविनाथ रमन को CEO के फैसले को ख़ारिज करने के निर्देश दिए हैं.

Dr Dhan Singh Rawat-Minister (Education)

प्रदीप कुमार BJP विधायक के भाई हैं.ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि मंत्री इसके चलते उनके मनमाने फैसलों पर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं.ये तब हो रहा है जब मंत्री को काफी शक्तिशाली समझा जाता है.उनकी संघ-BJP और CM दरबार में काफी तगड़ी पकड़ होने का हल्ला है.इस सबके बावजूद अदालत में विचाराधीन मामले में Sun Valley स्कूल के खिलाफ शिक्षा का अधिकार कानून मामले में मान्यता ख़ारिज करने का बड़ा फैसला किया जाना, सरकार के लिए कानूनी तौर पर भी HC में परेशानी पैदा कर सकता है.

अल्पसंख्यक वर्ग के स्कूलों को RTE में छूट के चलते इस श्रेणी में बच्चे लेने के लिए बाध्य न होने का मुद्दा उठाए जाने पर Sun Valley स्कूल प्रबंधन की मान्यता रद्द करने का फैसला CEO-देहरादून ने किया है.स्कूल प्रबंधन के पास पुख्ता सरकारी दस्तावेज हैं, जो स्कूल को RTE से छूट प्रदान करते हैं.साथ ही उसकी NoC की मांग भी जारी नहीं किए जाने के प्रमाण भी हैं.प्रबंधन की तरफ से अशोक वासु का कहना है कि CEO के रुख पर अपने दस्तावेजों को वह मंत्री और DG बंशीधर तिवारी से मिल चुके हैं.स्कूल गुरु तेग बहादुर मार्ग पर BJP प्रदेश मुख्यालय के एकदम करीब है.

वासु के मुताबिक दोनों ने उनको आश्वासन दिया कि उनके साथ कानून-नियम सम्मत कार्यवाही की जाएगी.दोनों को RTE से छूट सम्बन्धी सभी दस्तावेज मुहैया कराए जा चुके हैं.आज मंत्री ने कहा कि उन्होंने शिक्षा सचिव को निर्देश दिए हैं कि CEO के स्कूल की मान्यता रद्द किए जाने के फैसले को ही ख़ारिज कर दिया जाए.हुआ इसका उल्टा.मंत्री के आदेश के कुछ ही घंटे के भीतर प्रदीप ने कई स्कूलों को पत्र जारी कर दिया कि वे Sun Valley के बच्चों को प्रवेश देने के लिए बाध्य होंगे.उन्होंने ऐसे स्कूलों की List जारी भी कर दी.पत्र में लिखा है कि स्कूल की मान्यता ख़त्म करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

System पर CEO किस कदर हावी है, ये समझने के लिए इतना काफी है कि कई बड़े अफसरों और राजनेताओं के बच्चों को पढ़ाई प्रदान कर रहे Sun Valley के बच्चों को अन्य स्कूलों में प्रवेश के लिए उन्होंने मंगलवार को MKP Inter कॉलेज में सम्बंधित स्कूलों के प्रबंधन की बैठक भी बुला ली.DG-सचिव-मंत्री इस मामले में अभी तक एकदम कमजोर-असहाय साबित हो रहे हैं.ये भी साफ़ हो रहा है कि मंत्री के आदेश को जिला स्तर के अधिकारी भी सुन के राजी नहीं है.

CM पुष्कर सिंह धामी लगातार कोशिश करते रहे हैं कि अफसर किसी भी तरह से मंत्रियों पर हावी न होने पाए.वह इन दिनों देखा जाए तो अफसरों को एकदम सख्ती से अपने मुताबिक हांक रहे हैं.ऐसे माहौल में भी CEO का अपने ही मंत्री की न सुनना,सरकार की प्रतिष्ठा के लिए भी चुनौती साबित हो रहा है.खतरनाक बात ये है कि इस मामले को ले के Sun Valley ने HC की शरण ली हुई है.इसके बावजूद स्कूल को कोई राहत मिलती फिलहाल नहीं दिख रही है.

अशोक वासु को इस पर सख्त ऐतराज है कि उनके बेहद प्रतिष्ठित स्कूल की छवि को ऐसे मामले में ख़राब करने की चेष्टा अधिकारी कर रहे हैं, जिसका कानून में कोई जिक्र या प्रावधान नहीं है.उनके स्कूलों के बच्चों को प्रवेश देने के नाम पर अन्य स्कूलों के साथ CEO की बैठक किया जाना भी अदालत की अवमानना है.साथ ही उन स्कूलों को एक किस्म से कारोबारी लाभ पहुँचाना भी है.उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह CM पुष्कर सिंह धामी से भी मिल के गुहार करेंगे.अदालत में जम के अपनी पैरवी करेंगे.शिक्षा मंत्री आज देहरादून से बाहर थे.उनके राजधानी लौटने के बाद वह क्या कदम उठाते हैं, इस पर नजरें टिकी हैं.

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