Big Story::होंगे South Africa हिलाने वाले `जुप्ताज’!`पुष्कर राज’ में नौका डांवाडोल!कल जेल-आज ख़ारिज हुई Bail:Builder बाबा साहनी आत्महत्या पर CM का सख्त रुख!पुलिस-प्रशासन ने की अंगुली टेढ़ी:गुप्ता जीजा-साले जेल डाले गए तो रातोंरात DM-SSP भी मुआयने पर पहुँच गए
अनिल गुप्ता पर सहारनपुर में भी जमीन फर्जीवाड़े को ले के FIR:कैनाल रोड पर अवैध भू कटान पर भी घिर चुके हैं

ChetanGurung
अपनी करतूतों और चालबाजियों से South Africa की जैकब जुमा सरकार की लुटिया डुबो के साफ़ भाग निकले गुप्ता बंधुओं में सबसे बड़े अजय गुप्ता और उनके बेहद करीबी कारोबारी साझेदार जीजा अनिल गुप्ता की नौका उत्तराखंड में CM पुष्कर सिंह धामी के राज में न सिर्फ डांवाडोल है बल्कि Builder बाबा साहनी की कथित आत्महत्या मामले में पुलिस ने दोनों को बुरी तरह कानूनी शिकंजे में फांस लिया है.दोनों गुप्ताओं की जमानत अर्जी आज अदालत ने खारिज कर बड़ा झटका दे दिया.इस बीच अनिल गुप्ता के खिलाफ सहारनपुर में दो साल पहले जमीन के फर्जीवाड़े से जुड़ी एक FIR और कैनाल रोड पर भू-कटान का मामला फिर प्रमुखता से उठने लगा है.अंदरखाने की खबर है कि बाबा साहनी अत्मह्त्या और देहरादून-उत्तराखंड में भी `Guptas’ जिनको दक्षिण अफ्रीका काण्ड के बाद जैकब से जोड़ के `Zuptas’ कहा जाता है, के बढ़ते दबदबे-रसूख और कानून-व्यवस्था को ले के उत्पन्न आशंकाओं से CM बेहद खफा और जल्द से जल्द सख्त नकेल डाल के औरों के लिए भी नजीर पेश करने के हक़ में हैं.
CM Pushkar Singh Dhami-जुर्म की दुनिया के रसूखदार बड़े मगरमच्छों-डायनासोरों के लिए आफत साबित हो रहे
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बाबा साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने और Suicide Note में दोनों पर जानलेवा दबाव डालने के बाबत लिखे जाने के बाद भी शुरुआत में समझा जा रहा था कि पुलिस और सरकार शायद ही दोनों पर इतनी सख्ती से और जल्दी हाथ डालेगी.जेल में डालने की तो सोची भी नहीं जा रही थी.सूत्रों के मुताबिक CM पुष्कर ने इस मामले पर तत्काल DGP अभिनव कुमार और SSP अजय सिंह से रिपोर्ट तलब की.दोनों को साफ हिदायत दी कि मौका-ऐ-वारदात का जायजा लेने और हालात के मुताबिक जो भी कड़े कानूनी कदम उठाने हैं,उसके लिए कतई न हिचका जाए.आरोपी जितना रसूख वाला भी हो, उसके खिलाफ फ़ौरन कार्रवाई हो.अभिनव-अजय ने फिर अपना काम इस तरह शुरू किया है कि देश भर में उत्तराखंड पुलिस सुर्ख़ियों में आ गई है.
DGP अभिनव कुमार
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डालनवाला में नेहरु रोड़ (कर्जन रोड) पर स्थित बंगले में फाटक पर काफी देर तक खड़ी रही पुलिस ऊपर का इशारा मिलते ही अन्दर जा घुसी.हाथों-हाथ अजय गुप्ता-अनिल गुप्ता को राजपुर थाना की हवालात में डाल दिया गया.एक हल्ला दोपहर ढलते-ढलते ये मचा कि दोनों की थाने में सेवा-पानी हो रही.जूस पिलाई जा रही.इसमें सच्चाई जो भी रही हो लेकिन इस पर फिर ऊपर से सख्त फरमान आया.दोनों को आम शख्स के तौर पर ही हिरासत में रखा गया.अगले दिन दोनों जेल भेज दिए गए.दोनों के जेल जाते ही रात को DM सोनिका और SSP अजय सिंह जेल का मुआयना करने अचानक पहुँच गए.आज दोनों चर्चित गुप्ताओं की जमानत ख़ारिज हो गई.
एक देश की सत्ता को हिला के और वहां के राष्ट्रपति की तकदीर दफ़न कर ठाठ से देहरादून-उत्तराखंड में Real Estate-हवाई सेवाओं के कारोबार के उस्ताद बनने का अजय गुप्ता और उसके बहनोई का ख्वाब सिर्फ मुख्यमंत्री पुष्कर के चलते टूटा.पुष्कर की ख्याति बड़े मगरमच्छों-नरभक्षी किस्म के बाघों-तेंदुओं-डायनासोरों का शिकार करने की है.या फिर उनको चूहे की तरह कैद में रखने की है.उन्होंने IFS-IAS-राजनेता और तमाम बड़े माफिया को बड़े-बड़े रसूख के बावजूद जुर्म में संलिप्तता पर बख्शा नहीं.उनको जेल की हवा खिलाई.Guptas को शायद इसका अहसास नहीं रहा होगा.वे ताश के पत्ते फेंट रहे थे.पुष्कर की पुलिस ने उनको भी धर-दबोचा.
अनिल गुप्ता के लिए कहा जाता है कि अजय गुप्ता का कारोबार सामने से वही देखता है.बेशक उसकी Driving Seat पर परदे के पीछे अनाधिकारिक तौर पर अजय गुप्ता होता है.पैसा भी उसी का होता है.बाबा साहनी के आत्महत्या वाले पत्र में दोनों की कारस्तानी का जिक्र तफसील से किया गया है.इस मामले में एक राजनेता का नाम भी बाबा ने पत्र में लिखा है.भले उसका नाम नकरात्मक तौर पर नहीं है.अनिल गुप्ता के बारे में भी रिपोर्ट ये है कि साल-2022 में सहारनपुर में एक जायदाद के विवाद में उसका नाम FIR में है.कैनाल रोड पर मिट्टी के टीले को काटने के मामले में भी उसका नाम प्रमुखता से विवादों में उछला था.