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बाबा केदारनाथ संग गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के खुले कपाट:बर्फ की सफ़ेद चादर-हेलिकॉप्टर से फूलों की झमाझम बारिश-हजारों श्रद्धालुओं के उद्घोष ने रचा अद्भुत भक्तिमय माहौल:CM पुष्कर ने पत्नी गीता संग किए दर्शन

सेना के Band ने समां बांधा:4 धाम यात्रा शुरू

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में आज   जग विख्यात ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट हजारों श्रद्धालुओं के मुख से निकले जय बाबा केदारनाथ के उद्घोष तथा  सेना के  ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच बर्फीली सफ़ेद चादर और सर्द हवाओं के बीच सुबह 7 बजे पूरे विधा-विधान के साथ खुल गए. गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट भी शुक्रवार को खुल गए.इसके साथ ही 4 धाम यात्रा शुरू हो गई.

बाबा केदार के कपाट खुलने के गवाह तकरीबन दस हजार से अधिक श्रद्धालु बने.मुख्यमंत्री पुष्कर ने कपाट खुलने के अवसर पर  श्रद्धालुओं को बधाई दी तथा देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि इस बार चार धाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी. प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देगी.

 

कपाट उद्घाटन पर मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से खूबसूरती से सजाया गया था.तीर्थयात्रियों और धाम पर हेलीकाप्टर के जरिये आकाश से फूलों की बारिश की गई तो श्रद्धालु बेहद रोमांचित भी दिखे।श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारे आयोजित किए गए। CM ने भी पत्नी के साथ भंडारे में शिरकत कर प्रसाद बांटे.

मुख्यमंत्री ने पत्नी गीता के साथ कपाट खुलने के मौके पर दर्शन और पूजा की परम्परा निभाई.कपाट खोले जाने के दौरान केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास  तथा दूर बर्फ होने से सर्द हवाओं से श्रद्धालु खुश दिखे.आज तड़के चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में उत्साहित यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. BKTC अध्यक्ष अजेंद्र अजय,  कला संस्कृति परिषद उपाध्यक्ष मधु भट्ट,रावल भीमांशंकर लिंग, CEO योगेंद्र सिंह पुजारी,DM डा. सौरभ गहरवार पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गए थे. उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने पूजा शुरू की. भगवान भैरवनाथ  तथा भगवान शिव का आह्वान कर तय वक्त पर मंदिर के कपाट खोले गए.कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया। फिर श्रद्धालुओं ने  दर्शन शुरू किए. कल (शनिवार) श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुल जाएंगे. फिर केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जाएंगी।

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गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी धार्मिक विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस अवसर पर देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु दिव्य धार्मिक परंपराओं की भव्यता के साथ ही गंगा व यमुना के उद्गम क्षेत्रों की सांस्कृतिक समृद्धि के साक्षी बने। साथ ही मंदिर और अखंड ज्योति के दर्शन किए. तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी गई.

 

यमुनोत्री धाम में कपाटोद्घाटन के लिए सुबह 6 बजकर 29 मिनट पर मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) से अपने भाई शनिदेव की अगुवाई में कालिन्दी पर्वत की तलहटी में स्थित यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। खरसाली में ग्रामीणों एवं लोक देवताओं की डोलियों ने यमुना की डोली को भावुक कर देने वाले माहौल के बीच विदा किया।

 

गंगोत्री धाम के भी कपाट खोल दिए गए.भैरो घाटी से चलकर गंगा की डोली हजारों श्रद्धालुओं के के साथ गंगोत्री धाम पहुंची. भागीरथी के उद्गम क्षेत्र में आस्था का समुद्र उमड़ पड़ा था। हर-हर गंगे के उद्घोष और पूजा-अभिषेक के साथ गंगोत्री धाम में अभिजीत मूहूर्त पर अपराह्न 12.25 बजे कपाटोद्घाटन हुआ।

गंगोत्री मंदिर के कपाटोद्घाटन के अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक AP अंशुमन, जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण उपस्थित रहे।

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