
Chetan Gurung
सियासी हलकों में ये ढंका-छिपा नहीं है कि PM नरेंद्र मोदी के खासमखासों में CM पुष्कर सिंह धामी का दरजा वाकई बेहद ऊपर है.आज रुद्रपुर में शंखनाद रैली के दौरान मोदी ने पुष्कर संग लगातार अपनत्व-विश्वास भरे अंदाज से इसको पर्दा हटा के जग जाहिर कर दिया.दोनों लगातार मौक़ा मिलते ही किसी न किसी मसले पर मंत्रणा-गुफ्तगू में मशगूल नजर आते रहे.
रुद्रपुर में शंखनाद रैली के दौरान CM पुष्कर सिंह धामी के साथ बेहद अपनत्व और करीबी भाव में कुछ ऐसे नजर आए PM मोदी
——————————————————————————————————————
प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड और मुख्यमंत्री पुष्कर से विशेष लगाव का जिक्र गाहे-बगाहे होता रहता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के लिए प्रधानमंत्री का कीमती वक्त मिलने के लिए लेना कभी भी टेढ़ी खीर साबित नहीं हुआ.उनको न सिर्फ आराम से वक्त मिलता है बल्कि हमेशा तय समय से अधिक देर की मुलाक़ात हुई है.
परदे के पीछे की ये बात आज रुद्रपुर में मंच पर दोनों के मध्य जबरदस्त Chemistry दिखने से जग जाहिर हो गई.पुष्कर को सोच-समझ के जुबान खोलने और कोई भी बड़ा-कड़ा फैसला लेने के लिए जाना जाता है.
मोदी उन पर यकीन करने से हिचकते नहीं.बद्रीनाथ के करीब के चीनी सरहद के करीब स्थित माणा गांव में जब पुष्कर ने माणा को अंतिम के बजाए पहला गांव कहा तो PM ने उनकी बात पर मंच पर ही मुहर लगा डाली थी.इसके बाद से माणा को पूरी दुनिया में अब देश के प्रथम गांव के तौर पर जाना जाने लगा है।
उनके UCC और नक़ल विरोधी कानून को भी मोदी सरकार ने हाथों-हाथ लेते हुए देश भर में इसको लागू करने का फैसला किया है.CM PSD के मोदी के करीबी होने का फायदा राज्य को मिलता रहा है.सालों से अटकी-भटकी तमाम विकास योजनाओं को केंद्र की मंजूरी अब लगातार मिल रही हैं.देहरादून का सौंग व कुमाऊँ में जमरानी बांध मुद्दे मोदी की हामी के बाद ही हल हुए। उनको मनाने की पूरी कोशिश पुष्कर की ही थी.
मोदी जब पिथौरागढ़ में आदि कैलाश आए थे तो वहां भी उन्होंने पुष्कर पर लाड लुटाने में कंजूसी नहीं की थी। उनकी कोशिशों और इच्छाओं को समझते हुए पुष्कर सरकार ने फ़ौरन उड़ान योजना में पर्यटकों के लिए आदि कैलाश के लिए हेली सेवाएं भी शुरू कर दी।
आज रुद्रपुर की रैली में भी दोनों काफी देर तक चर्चा करते दिखे.दोनों की चर्चा करते और गंभीर मंथन करने की तस्वीरें दिन से ही Social Media में खूब वायरल हो रही हैं। ये समझा जा रहा है कि अब उपलब्धियों और मोदी की सोच को समझ के उस पर त्वरित अमल के चलते पुष्कर को BJP की पहली पंक्ति में जल्द ही शामिल होते देखा जा सकता है.
मोदी लोकसभा चुनाव के बाद अपनी नई टीम को आकार देंगे, इसकी पूरी सम्भावना है.उनके Good Books से बाहर समझे जाने वाले दिग्गजों तक की Front Line से छुट्टी हो सकती है.उसमें पुष्कर को शामिल किया जाए तो अचम्भा नहीं होगा.BJP शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को देखें तो मोदी-शाह-आला कमान की नजरों में पुष्कर की अहमियत को योगी से कमतर नहीं आंका जा रहा है.
योगी के साथ मोदी-शाह का 36 का आंकड़ा होने का हल्ला रहता है.पुष्कर को इसके उलट मोदी-शाह के वफादारों और काबिल-तेज तर्रार निर्विवाद मुख्यमंत्री माना जाता है.लोकसभा चुनाव में पुष्कर ने जो रफ़्तार प्रचार के लिए पकड़ी है, वह हैरान करती है.वह हर सीट पर दौड़े-दौड़े,बिना सांस लिए पहुँच के पार्टी प्रत्याशियों के लिए जनसमर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.जिन दो सीटों को ले के कुछ संदेह है, उसमें वह अधिक जान झोंक रहे हैं.