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Big News::दिवाली से पहले पुष्कर सरकार का Double दिवाली धमाका:DA-Bonus का तोहफा:आदेश जारी

DA बढ़ के 53 Percent:30 दिन का वेतन या अधिकतम 7000 का Bonus

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी ने दिवाली से 2 दिन पहले ही सरकारी कर्मचारियों को Double दिवाली धमाका तोहफा देते हुए आज DA और Bonus देने का आदेश कर दिया.

सरकार ने 14 मार्च, 2024 को एक आदेश जारी कर साफ़ किया था कि 7वें वेतनमान के सरकारी कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2024 से 50 Percent महंगाई भत्ता दिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ये दर 1 जुलाई, 2024 से बढ़ाकर 53 फ़ीसदी कर दिया था. उत्तराखंड सरकार ने इसको अपनाते हुए अपने सभी नियमित, पूर्णकालिक, कार्यप्रभारित कर्मचारी और UGC से जुड़े कर्मचारियों पर भी ये आदेश लागू कर खुद का आदेश जारी किया.

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य और कुछ अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों पर ये आदेश लागू नहीं होंगे। उनके लिए अलग से आदेश जारी होंगे। 1 जुलाई, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक के महंगाई भत्ते के बकाया का भुगतान नकद में किया जाएगा। 1 अक्टूबर, 2024 से भत्ता नियमित वेतन में जोड़ दिया जाएगा।

2023-24 के लिए राज्य के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों, और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को तदर्थ (Ad-Hoc) बोनस का लाभ मिलेगा। भारत सरकार के आदेशानुसार 30 दिनों का बोनस अधिकतम 7000 रूपये तक दिया जाएगा।

–बोनस के लिए पात्रता-शर्तें–

बोनस का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 मार्च, 2024 को सेवा में थे.जिन्होंने कम से कम 6 महीने की निरंतर सेवा की हो। 6 महीने से 1 साल तक की सेवा वाले कर्मचारियों को उनके सेवा अनुपात के हिसाब से बोनस दिया जाएगा।

तदर्थ बोनस की राशि की गणना एक वर्ष की औसत प्राप्तियों के आधार पर की जाएगी। मिसाल के तौर पर अधिकतम सीमा 7000  रूपये मानते हुए 30 दिनों के लिए तदर्थ बोनस की गणना ₹6908 होगी।

कैजुअल/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, जिन्होंने पिछले 3 वर्षों में हर साल कम से कम 240 दिन (6 दिन वाले कार्यालयों के लिए) कार्य किया हो, भी इस बोनस के पात्र होंगे। ऐसे कर्मचारियों का बोनस 1184 रूपये होगा। विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने पर कर्मचारी बोनस के पात्र नहीं होंगे।

निलंबन के बाद बहाल कर्मचारी भी बोनस के लिए पात्र होगा। आर्थिक रूप से कमजोर निकायों के कर्मचारियों का बोनस उनका निकाय खुद वहन करेगा. उनको सरकार की ओर से कोई अनुदान नहीं मिलेगा।

 

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