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Students को Graphic Era में दिलाई गई ईमानदारी-नैतिकता की शपथ

सेमिनार में Waste Management पर Experts ने पेश किए शोध पत्र

Chetan Gurung
देश के प्रमुख निजी विषविद्यालयों में शुमार हो रहे Graphic Era में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर छात्र-छात्राओं को जीवन में नैतिकता, ईमानदारी और पारदर्शिता के मूल्यों को अपनाने की शपथ दिलाई गई।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि ONGC के Head (Corporate Adm) के CGM नीरज कुमार शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी एक व्यक्ति या क्षेत्र की समस्या नहीं बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। हर नागरिक अपने स्तर पर ईमानदारी और नैतिकता को अपनाने का संकल्प ले तो इसका अंत मुमकिन है। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिंदर सिंह ने भी सेमिनार को संबोधित किया।इस अवसर पर छात्र-छात्राओं में सतर्कता, ईमानदारी और पारदर्शिता के मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भाषण, क्विज और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एंड अर्थ साइंस डिपार्टमेंट, NSS, द डिबेटिंग सोसायटी और ONGC देहरादून ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में ONGC के DGM विशाल शर्मा, ONGC (Vigilance) के DGM पवनीश सानी, भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन डा. भारती शर्मा ने किया।

Waste Management पर Debate–

ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में पर्यावरण संरक्षण, वेस्ट मैनेजमेंट, सर्कुलर इकॉनमी और हरित विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन किया गया। विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों ने इन विषयों पर अपने विचार, अनुभव और शोध साझा किए।
तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डा. नरपिंदर सिंह ने कहा कि सतत् विकास तभी साकार हो सकता है जब विज्ञान, समाज और नीतियां एक समन्वित दिशा में मिलकर कार्य करें और सामूहिक रूप से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें। इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वेस्ट मैनेजमेंट, एयर एंड वॉटर के अध्यक्ष डा. साधन कुमार घोष ने कहा कि इस सम्मेलन ने दुनिया के विभिन्न देशों के विशेषज्ञों को एक साझा मंच पर जोड़कर नए विचारों का आदान-प्रदान किया है।

डा. घोष ने सर्कुलर इकॉनमी, रीसाइक्लिंग और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग को सतत् विकास का मूल आधार बताते हुए कहा कि अपशिष्ट को भार नहीं, बल्कि एक संसाधन के रूप में देखने की सोच विकसित करनी होगी।
सम्मेलन में 40 से अधिक देशों के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से भाग लिया।

सम्मेलन में लगभग 30 तकनीकी सत्रों में 291 शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए। 290 शोध-सार (एब्स्ट्रैक्ट) प्रदर्शित किए गए। पर्यावरण संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, सर्कुलर इकॉनमी और सतत् विकास पर नवीन शोध और व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और अंतर्राष्ट्रीय अपशिष्ट प्रबंधन वायु और जल समिति ने संयक्त रूप से किया।

 

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