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महेंद्र भट्ट दूसरी बार बनेंगे BJP के State President:किसी और ने नामांकन न कर उनके लिए किया मैदान साफ:मोदी-शाह ने दिया मजबूत संदेश-CM पुष्कर जो चाहेंगे उत्तराखंड में वही होगा:तो कुछ मंत्रियों की कुर्सी पर गहराया खतरा!

BJP National Council के लिए निशंक-त्रिवेन्द्र-तीरथ-टमटा समेत 8 का Nominations

Chetan Gurung

महेंद्र भट्ट Uttarakhand BJP के लगातार दूसरी बार President बनेंगे। आज State President के Election में उनके अकेले Nomination File किए जाते ही उनका मौजूदा कुर्सी पर बने रहना तय हो गया। CM पुष्कर सिंह धामी और तमाम दिग्गज इस मौके पर साथ थे। सबसे बड़ा संदेश ये उभर के आया कि PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह उत्तराखंड में वही करेंगे, जो PSD के माफिक होगा। भट्ट की एक और ताजपोशी से उन्होंने पुष्कर पर अपने विश्वास और उनकी काबिलियत पर ठप्पा ज़ोर से लगा दिया। इसका मतलब ये निकाला जा सकता है कि Assembly Election से पहले उत्तराखंड मंत्रिमंडल को भी मुख्यमंत्री की इच्छा के मुताबिक शक्लो-सूरत मुहैया कराई जा सकती है। कुछ चेहरों पर वाकई खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। आज 8 Nominations भी BJP National Council के लिए हुए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद में नामांकन की प्रक्रिया आज निबट गई। राज्यसभा MP महेंद्र भट्ट की अध्यक्ष पद पर फिर से चुनाव के लिए नामांकन का प्रस्ताव मुख्यमंत्री समेत तमाम मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री और सभी सांसदों ने किया। मंगलवार को पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा अध्यक्ष के तौर पर भट्ट के नाम का विधिवत ऐलान करेंगे। BJP के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम तथा सह प्रभारी रेखा वर्मा भी नामांकन के दौरान मौजूद थीं।

प्रदेश चुनाव अधिकारी खजान दास ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष के लिए महेंद्र भट्ट एवं 8 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के लिए नामांकन हुए। सुबह 10 से 12 बजे तक नामांकन का समय निर्धारित था। भट्ट ने इकलौते Candidate के तौर पर 5 Set फार्म दाखिल किए। 10 अलग-अलग प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर किए। खास पहलू ये रहा कि सभी सेटों के मुख्य प्रस्तावक CM PSD-पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल के MP अनिल बलूनी, अल्मोड़ा के MP अजय भट्ट, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा रहें।

अन्य प्रस्तावक प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, पूर्व CM  डाक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कल्पना सैनी, टिहरी लोकसभा सांसद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, प्रदेश सरकार के मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, विधायक बिशन सिंह चुफाल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, विनोद कंडारी, राम सिंह कैड़ा, महंत  दिलीप सिंह रावत, बृजभूषण गैरोला रहे।

प्रदेश Media प्रमुख मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय परिषद सदस्य के लिए मंत्री धन सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, डॉ रमेश पोखरियाल” निशंक,त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, अजय भट्ट माला राज्य लक्ष्मी शाह, डॉक्टर कल्पना सैनी का नामांकन हुआ। प्रदेश BJP अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी को लगातार दूसरी बार संभालने का श्रेय आज तक भट्ट से पहले किसी को हासिल नहीं हुआ है।

उनकी कुर्सी सलामत बने रहने से मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर की ताकत में जबर्दस्त इजाफा और मोदी-शाह की उनमें बढ़ते यकीन का जोरदार प्रदर्शन समझा जा रहा है। भट्ट पूरी तरह पुष्कर के साथ बेहतरीन कदमताल के लिए जाने जाते रहे हैं। PM-HM ने उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने का फैसला कर PSD के लिए हालात पूरी तरह माकूल-मुफीद और राह निष्कंटक बनाए रखने के अपने इरादे की झलक दिखाई है। ये तयशुदा जाहिर  कर दिया कि Assembly Elections में पुष्कर जो और जैसा चाहेंगे, उनको वैसा मिलेगा। उनको उनके अंदाज में ही अगुवाई का मौका दिया जाएगा।

मोदी-शाह ने समझा दिया है कि वे पुष्कर-महेंद्र के Combination को चुनाव तक छेड़ने के हक में कतई नहीं हैं। PSD ने मोदी-शाह को चुनावी जीतों के तोहफों से लादने के साथ ही उनके और संघ के Agenda को उनकी सोच से भी अधिक तेज रफ्तार से लागू कर तीनों को संतुष्ट और खुश किया हुआ है। खुद को उन्होंने विकल्पहीन के तौर पर स्थापित कर दिखाया है। UCC-धर्मातरण कानून तीनों की पसंद में शीर्ष पर समझा जाता है।

पुष्कर की छवि Action के मामले में Jet Speed दिखाने और फैसले लेने में बेहद ठोस CM के तौर पर उभरी है। उनकी दिक्कत सिर्फ एक हो सकती है। कुछ मंत्रियों के कामकाज से अवाम बिल्कुल भी खुश नहीं है। उन्होंने सरकार तथा BJP की छवि मजबूत करने के PSD की कोशिशों को बार-बार दरकाने और दरार डालने की कोशिश की है। इसमें ताज्जुब नहीं होगा कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद अगला कदम आला कमान Cabinet में फेरबदल करने,खलाई 5 कुर्सियों को पुष्कर के मन मुताबिक भरने का कदम जल्द उठाएँ।

मोदी-शाह अपने पसंदीदा मुख्यमंत्री को उनकी पसंद के मंत्री और मंत्रिमंडल देंगे, ये तय समझा जा रहा है। कम से कम 2 से 3 मंत्रियों को विदा किया जाता है तो हैरानी नहीं होगी। खास बात ये है कि 2 साल के भीतर कम से कम 3 बार ये शोर खूब मचता रहा है कि मंत्री बदले जाएंगे। मंत्रिमंडल बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने तो नहीं लेकिन भट्ट इसको बार-बार खुल के पत्रकारों से कहते रहे हैं। बार-बार किसी न किसी वजह से ये टलता रहा। अबकी बार पुष्कर मंत्रिमंडल का चेहरा कुछ नया और चमकीला दिखने की उम्मीद लगाई जा रही है।

 

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