
Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के लिब्बरहेड़ी में बेहाल करने वाले गर्मी से बेपरवाह लोगों के साथ जबर्दस्त Road Show निकाल के ये संदेश दिया कि समान नागरिक संहिता (UCC) किसी भी मजहब के खिलाफ नहीं है। ये सभी जाति-धर्मों-वर्गों के साथ इंसाफ का जरिया भर है। उन्होंने आज अचानक Tractor की Driving Seat पर बैठ के स्टेयरिंग संभाल-उसको चला के किसानों-लोगों को हैरान कर डाला। मुख्यमंत्री ने आज ही रोशनाबाद में भी अहिल्याबाई होल्कर की 300 जयंती पर आयोजित महासम्मेलन में शरीक हो के उनकी प्रशासनिक तथा धार्मिक क्षेत्र में किए गए योगदान को बेमिसाल करार दिया।
मंगलौर के लिब्बरहेड़ी में रोड शो-धन्यवाद रैली और जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ट्रैक्टर चलाने के बाबत कहा कि ये उनकी किसानों के कठिन परिश्रम के प्रति आभार व्यक्त करने की कोशिश है। उन्होंने अचानक मंच से उतरकर ट्रैक्टर की स्टेयरिंग संभाल ली थी। ये नजर देख सड़क पर मौजूद लोग न सिर्फ हैरान दिखे बल्कि सरकार के मुखिया के इस अंदाज को देख वे बेहद उत्साहित नजर आए।
लोगों में किसान, महिलाएं, बुजुर्ग और युवा मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारे देश की रीढ़ हैं। जब मैं ट्रैक्टर चलाता हूं, तो यह हमारे अन्नदाता भाइयों के परिश्रम को नमन करने का एक छोटा-सा प्रयास होता है। UCC न किसी मजहब के खिलाफ है और न किसी वर्ग के। यह समानता, न्याय और पारदर्शिता का मूल आधार है। यह वही सपना है जिसे बाबा साहब डॉ. आंबेडकर ने संविधान निर्माण के समय देखा था।
PSD ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता में गांव, किसान और युवा शामिल हैं। प्रदेश सरकार की विभिन्न जन और किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का भी उल्लेख उन्होंने किया। Road Show के दौरान लोगों ने बेहद उमस और गर्मी की परवाह न कर के मुख्यमंत्री के लिए नारे लगाए और फूल बरसाए। मुख्यमंत्री ने भी उन पर फूल बरसाए। उनके साथ ट्रैक्टर पर MLA प्रदीप बत्रा भी सवार थे। मंच पर स्वामी यतीश्वरानंद भी बत्रा और अन्य के साथ मौजूद थे।
रोशनाबाद (हरिद्वार) में ऑल इंडिया धनगर समाज महासंघ उत्तराखंड की तरफ से आयोजित लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्मोत्सव पर आयोजित धनगर (गड़रिया) महासम्मेलन में भी वह सहरीक हुए और अहिल्याबाई की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनको नमन करते हुए कहा कि अहिल्याबाई के पावन जीवन चरित्र में सत्य, करुणा, न्याय और धर्म का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। एक महिला शासक के रूप में उन्होंने प्रशासनिक दक्षता का परिचय देने के साथ ही देश भर में धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और संरक्षण का अनुपम कार्य भी किया।