मुद्दा!!Stadiums के नाम जस के तस:नामकरण सिर्फ नए Sports Complex के:सरकार ने साफ की तस्वीर:नाम रखने में पूर्व सरकारों की अपरिपक्वता से उलझन!जसपाल-अभिनव-पदम-लक्ष्य के नाम Stands तक नहीं
उत्तराखंड से खेलने वालों के नाम पर ही रखे जाएँ Stadiums-Stands के नाम-खेल संघ

Chetan Gurung
सरकार ने साफ किया कि Stadiums के नाम जो थे, वही हैं। सिर्फ उनको समाए हुए विशाल Sports Complex का नामकरण किया गया है। Congress और कुछ खिलाड़ियों के समर्थक-परिजन नामकरण को ले के विरोध जता रहा हैं। इसके साथ ही ये भी साफ हो गया कि नामकरण में पिछली सरकारों की अपरिपक्वता से मौजूदा हालात पेचीदा हुए।
Minister of Sports-Rekha Arya
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पुष्कर सरकार ने हाल ही में Sports Complex के नाम रखे हैं। इनको ले के कुछ खिलाड़ी और उनके समर्थकों के साथ ही Congress नाखुशी संग विरोध प्रकट कर रहे हैं। उनके अनुसार Stadium के नाम बदलना खिलाड़ियों के प्रति सरकार के असम्मानजनक रुख को जाहिर करता है। नाम न बदला जाए। Congress का आरोप है कि सरकार ने सियासी वजह से भी नाम बदले।
खेल मंत्री रेखा आर्य ने इस पर दलील दी है कि एक भी Stadium का नाम न तो हटाया गया है न बदला गया है। न ही उनकी जगह कोई और नाम रखा गया है। जो नाम जिन stadium के थे, वही आज भी हैं। सबसे अधिक भ्रम और विरोध महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज से सटे राजीव गांधी International Cricket Stadium और हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित वंदना कटारिया Hockey Stadium को ले के उत्पन्न हुआ है।
इस बाबत खेल मंत्री रेखा ने कहा कि पहले सिर्फ Hockey Stadium हुआ करता था। इसलिए वंदना के नाम पर स्टेडियम का नाम था और Main Gate पर वही नाम लिखा था। ऐसा ही रुद्रपुर के मनोज सरकार स्टेडियम को ले के स्थिति थी। राजधानी के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और राजीव गांधी स्टेडियम को ले के भी इसी किस्म की भ्रांति हो रही। 38th National Games के दौरान तमाम अन्य खेलों की बुनियादी सुविधाएं राजीव गांधी-वंदना कटारिया और मनोज सरकार स्टेडियम से सट के निर्मित की गईं।
सरकार के मुताबिक हर स्टेडियम के आसपास कई Indoor Hall-Swimming Pool-Multipurpose Hall-वेलोड्रम और कई Grounds 38th NG के दौरान विकसित हुए। अब वे स्टेडियम न हो के खेल परिसर हो चुके हैं। सरकार ने सभी Sports Complex के नाम पहली बार रखे हैं। वंदना कटारिया-महाराणा प्रताप-राजीव गांधी और सरकार स्टेडियम नए Complex का अंग बन गए हैं। ऐसे में Complex का नामकरण उत्तराखंड की पहचान के मुताबिक किया गया है। राज्य खेल परिषद के उपाध्यक्ष हेमराज बिष्ट के मुताबिक Congress इसको जबर्दस्ती सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही। बगैर ये जाने कि न तो स्टेडियम के नाम बदले गए हैं न ही किसी खिलाड़ी के प्रति असम्मानजनक बर्ताव किया गया।
हेमराज ने कहा कि BJP और सरकार उत्तराखंड से खेलने और राज्य का नाम राष्ट्रीय-विश्वस्तर पर रोशन करने वाले खिलाड़ियों का विशेष सम्मान करती है। उनका मनोबल बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। Congress को खेलों में सियासत से बाज आना चाहिए। खिलाड़ियों को आश्वस्त किया जाता है कि उनका सम्मान कायम रखने में सरकार कोई कमी नहीं करेगी।
हाल ही में सरकार ने रायपुर खेल परिसर देहरादून का नाम रजत जयंती खेल परिसर, गौलापार खेल परिसर हल्द्वानी का मानसखंड खेल परिसर, रूद्रपुर खेल परिसर ऊधमसिंह नगर का शिवालिक खेल परिसर तथा रोशनाबाद खेल परिसर हरिद्वार का नाम योग स्थली खेल परिसर रखा है। पहले इन परिसरों का नाम ही नहीं रखा गया था। पूर्व की सरकारों ने स्टेडियम के नामकरण में जल्दबाज़ी और अपरिपक्वता दिखाई थी। देश में कुछ ही महान खिलाड़ियों के नाम पर पूरा स्टेडियम रखा गया है।
सचिन तेंदुलकर-सुनील गावस्कर सरीखे महान खिलाड़ियों के नामों पर भी मुंबई में सिर्फ Stands के नाम हैं। विराट कोहली के नाम Stand भी नहीं हैं। कई बड़े खिलाड़ियों Asian Games-Commonwealth Games Gold विजेता निशानेबाज जसपाल राणा-ओलिंपियन Gold Medalist अभिनव बिंद्रा-Asian Games के First Indian Gold Medalist Boxer पदम बहादुर मल्ल-ओलिंपियन फुटबालर राम बहादुर क्षेत्री-श्याम थापा-बीर बहादुर गुरुंग-हालिया दौर में Cricketer ऋषभ पंत-स्नेह राणा-शटलर लक्ष्य सेन के नाम कहीं भी कोई स्टेडियम तो दूर Stands तक नहीं हैं। इनमें से किसी की भी उपलब्धि कहीं से कम नहीं है।
अभिनव बिंद्रा बचपन से देहरादून रहे। यहीं पढ़ाई की। आज जिस जगह Mall of Dehradun (मोहकमपुर) है, उस जगह पर कुछ साल पहले तक अभिनव का बंगला था। जसपाल ने Asian Games-Commonwealth और National Games में Gold Medals की बारिश कर दी थी। पिछली सरकार ने इस बात का भी ख्याल नामकरण में नहीं रखा कि स्टेडियम के नाम सिर्फ उन खिलाड़ियों के नामों पर रखें जाएँ जो उत्तराखंड के लिए खेलते रहे हों,खेल रहे हों या फिर खेल चुके हों।
ये भी संयोग की बात है कि वंदना के नाम Hockey Stadium है। जिस UP का वह प्रतिनिधित्व करती हैं, वहाँ कोई Stand तक उनके नाम पर नहीं है। खेल संघों की भी राय है कि स्टेडियम या Complex का नामकरण करते समय खिलाड़ी के उत्तराखंड के प्रति योगदान को अनिवार्य तौर पर देखा जाए। ऐसा नहीं होता है तो उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धियां अर्जित करने वाले खिलाड़ियों का मनोबल ढीला पड़ सकता है।