उत्तराखंडदेशयूथराष्ट्रीयशिक्षा

पहाड़ों को जल संकट से बचाने में ज्वार, बाजरा-मड़ुआ की खेती बेहतरीन विकल्प:Graphic Era में Experts ने दी राय

मधुमेह शिविर भी शुरू:रोग को पहचानने पर ज़ोर

wwwchetangurungg.com
Graphic Era विवि में National Workshop के दौरान Experts ने पहाड़ी इलाकों में जल संकट से निपटने के लिए ज्वार, बाजरा व मडुआ को बेहतरीन विकल्प बताया। विशेषज्ञों ने जल प्रबन्धन की मौजूदा चुनौतियों पर विचार साझा किए।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में जल प्रबन्धन की रणनीतियों पर कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि एक किलोग्राम गन्ना व चावल के उत्पादन में 3 से 5 हजार लीटर तक पानी खर्च होता है। कृषि के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में पानी की मांग बढ़ती जा रही है। इसके लिए जरूरी है कि जल संरक्षण की पारम्परिक प्रणालियों को आज की नई तकनीकों सैटेलाइट डेटा, रियल टाइम मानिटरिंग, डीसेलिनाइजेशन व स्मार्ट इरिगेशन से जोड़ा जाये। नदी, झीलों व पानी के अन्य स्त्रोतों को साफ रखना होगा।
GB पन्त यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलाजी, पंतनगर के डा. दीपक कुमार ने व्यापक स्तर पर पानी की गुणवत्ता जांचने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट व आयरन सामान्य तौर पर पानी में पाने जाने वाले दूषित पदार्थ हैं। ये पदार्थ कैंसर, टायफाइड, कोलरा जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न करते हैं।

उन्होंने पानी को साफ करने के लिए एयर स्पारजिंग, फाईटो रेमेडिएशन, बायो रेमेडिएशन और परमिएबल रिएक्टिव बैरियर तकनीक की जानकारी दी। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रूड़की के वैज्ञानिक डा. शक्ति सूयवंशी ने मायन सभ्यता की चुलटुन, सिंधु घाटी की लोथल, राजस्थान के बावड़ी, अण्डमान निकोबार के जैकवैल और महाराष्ट्र के रामटेक जैसी प्राचीन जल संरक्षण प्रणालियों पर प्रकाश डाला।

IIT रूड़की की डा. कृतिका कोठारी ने कहा कि पहाड़ों में फसल उत्पादन की चुनौती से निपटने के लिए सिंचाई की कुशल प्रणालियों के साथ ही रिमोट सेंसिंग, फसलों पर आधारित डेटा मानिटरिंग, UAV मानिटरिंग तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने फसलों पर की गई शोध के विषय में जानकारी साझा की।
राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन इण्डियन वाटर रिसोर्सिस सोसायटी स्टूडेण्ट चैप्टर देहरादून ने डिपार्टमेण्ट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के सहयोग से किया। सम्मेलन में HoD डा. KK गुप्ता, डा. अजय गैरोला, कार्यक्रम संयोजक डा. नितिन मिश्रा, आयोजन सचिव डा. प्रवीण कुमार, डा. संजीव कुमार, डा. दीपशिखा शुक्ला मौजूद रहे।


ग्राफिक
 एरा अस्पताल में कराये मधुमेह जांच: शिविर शुरू

ग्राफिक एरा अस्पताल में मधुमेह जोखिम मूल्यांक शिविर आज शुरू हो गया। शिविर में लोगों को स्वास्थ्य व मधुमेह की शीघ्र पहचान करने के लिए जागरूक किया जायेगा।

विश्व मधुमेह दिवस पर आयोजित शिविर का उद्घाटन डायबिटीज एवं एण्डोक्राइनोलाजी के निदेशक डा- सुनील के- मिश्रा] अस्पताल के निदेशक डॉ पुनीत त्यागी] डीन डा- एसएल जेठानी और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा- गिरिश गुप्ता ने किया।

डा. मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य परीक्षणों से मधुमेह के प्रबंधन और रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है। जोखिम कारकों की पहचान करके हम ऐसे उपाय कर सकते हैं जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बना सकते हैं।

शिविर के पहले दिन आज 200 से ज्यादा मरीजों की स्क्रीनिंग की गई। 40 प्रतिशत मरीज उच्च जोखिम श्रेणी में पाये गये। इन मरीजों को ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञ परामर्श दे रहे हैं। शिविर 21 नवम्बर तक चलेगा। आज योगा सत्र का आयोजन भी किया गया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button