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Big Story::नए Chief Secretary पर कयासों का कुहासा:राधा 31 मार्च को कुर्सी खाली करेगी या फिर Extension! उत्तराधिकारी Senior Most आनंदबर्द्धन होंगे या तूफानी रमेश सुधांशु? CM पुष्कर Card खोलने को राजी नहीं

Chetan Gurung

2 बार Extension ले के 16 महीने का कार्यकाल गुजार चुकी उत्तराखंड की Chief Secretary राधा रतूड़ी इसी 31 मार्च को Retire होंगी या फिर एक और Extension उनका इंतजार कर रहा है! वह अगर Chief Information Commissioner ही बनने के तरजीह देना पसंद करेगी तो फिर उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? साल 1992 Batch वाले Senior Most आनंदबर्द्धन या फिर साल-1997 Batch के तेज तर्रार रमेश कुमार सुधांशु नौकरशाही के Boss की कुर्सी संभालेंगे? मंत्रिमंडल फेरबदल की कयासबाजी के मौसम में CM पुष्कर सिंह धामी बहुत व्यस्त हैं और CS के मामले में अभी तक अपने Card खोलते नजर नहीं आ रहे हैं। ये देखना दिलचस्प रहने वाला है कि वह Seniority और निजी पसंद में किसको तरजीह देंगे।

CS राधा रतूड़ी का उत्तराधिकारी कौन?

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ये संयोग ही है कि राधा के मुख्य सचिव बनने न बनने को ले के उनके पूर्ववर्ती और मौजूदा केंद्रीय चुनाव आयुक्त डॉ सुखबीर सिंह संधु के अगले कदम और आधिकारिक खुलासे का इंतजार उनके Retirement के अंतिम दिनों तक का इंतजार किया गया था। राधा को उनकी Joining वाले दिन ही CS की नियुक्ति का आदेश सौंपा गया था। ये बात अलहदा है कि उनको और कुछ खासमखास को CM के इस फैसले की जानकारी पुख्ता ढंग से थी। राधा के नाम ये उपलब्धि शानदार है कि वह राज्य की पहली महिला अफसर हैं, जो मुख्य सचिव के ओहदे तक पहुंची। उनको 2-2 बार 6-6 महीने का सेवा विस्तार भी मुख्यमंत्री ने दिया।

ACS आनंदबर्द्धन:अगले CS के लिए कमर कस के तैयार! मुख्यमंत्री का यकीन जीतने में सफल रहेंगे?


RK Sudhanshu:CS के लिए तगड़े दावेदार हैं

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राधा का दूसरा Extension भी इसी महीने के आखिरी दिन खत्म हो रहा है। सिर्फ 3 दिन बच गए हैं। ऐसे में ये मुद्दा नौकरशाही,Media और सियासत की दुनिया में भीतर ही भीतर खूब गरम चल रहा है कि अगला CS आनंदबर्द्धन बनेंगे या सुधांशु। ये सवाल और पहेली वाकई कठिन है। देखा जाए तो वरिष्ठता भर ही देखा जाए तो आनंदबर्द्धन आराम से बिना किसी चुनौती के CS होने वाले हैं। उनको चुनौती देने के लिए न उनके Batch में न ही अगले 5 Batch तक कोई अफसर हैं। मुख्यमंत्री के पास उनका अकेला नाम CS के दावेदार के तौर पर है।

इसके बावजूद अगले CS की नियुक्ति पर पसोपेश की वजह ये है कि आनंदबर्द्धन को उन नौकरशाहों में शुमार नहीं किया जाता है, जिन्होंने CM का दिल-जिगर और यकीन ठोस ढंग से जीता हो। सुधांशु-R मीनाक्षी सुंदरम-विनय शंकर पांडे-शैलेश बगौली को इस जमात में धड़ल्ले से शामिल किया जाता है। सभी की अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी वाले मामले में खूब चलती है। अपने पहले कार्यकाल में PSD ने बेशक आनंदबर्द्धन को अपना प्रमुख सचिव बनाने के साथ ही कई बड़े महकमे भी सौंपे थे। विधानसभा चुनाव के बाद BJP के फिर से सरकार में आने के बाद पुष्कर फिर और लगातार दूसरी बार CM बने। तभी से आनंदबर्द्धन के सितारे गर्दिश में दिखते हैं।

इसी पहलू को देखते हुए आनंदबर्द्धन के CS बनने को ले के पसोपेश का आलम नजर आता है। वह नहीं बनाए जाते हैं तो फिर सुधांशु का CS न बनना दुनिया का आठवाँ अजूबा होगा। सुधांशु को कड़क और खौफ कायम करने वाले नौकरशाह की प्रतिष्ठा हासिल है। वह CMO के Boss भी हैं। उनके Batch में ललरिन रैना फैनई भी हैं। वह सीधे-सरल प्रवृत्ति के हैं। साथ ही वह सुधांशु से Civil List में नीचे हैं। सुधांशु के लिए मुख्य सचिव बनना बहुत अहम है। उनका Retirement June-2027 में है। सुधांशु के पास मार्च-2030 तक का वक्फ़ा है। वह इंतजार भी कर सकते हैं। उनको सेवा अवधि का न्यूनतम कार्यकाल 30 वर्ष पूरे करने के लिए 2 साल की दरकार है। CS के लिए न्यूनतम सेवा अवधि कार्यकाल अर्हता 30 साल है।

मुख्य सचिव की कुर्सी पर राधा काबिज नहीं रहती है और वह Uttarakhand Information Commission में Chief Commissioner बनने पर तुल ही जाती हैं तो इसकी गुंजाईश भी तकरीबन शून्य है कि बाहर से किसी नौकरशाह को Deputation पर बतौर CS लाया जा सकेगा। समीकरण और Cadre का ढांचा तथा माहौल सभी को देख के मुख्यमंत्री फैसला लेंगे। DGP की कुर्सी पर अभिनव कुमार को बिठाने का अनुभव कड़वा ही रहा है। उनको एक साल बाद ही कुर्सी से हटा के उत्तराखंड Cadre के दीपम सेठ को DGP बनाने के लिए सरकार को मजबूर होना पड़ा था। IAS Cadre और CS की कुर्सी के मामले में वह इस किस्म के बुरे अनुभव से वह निस्संदेह बचना चाहेंगे। CM कल दिल्ली से आएंगे और अधिक कयास ये ही लगाए जा रहे हैं कि कल ही शायद अगले CS पर मुख्यमंत्री अपना फैसला सुना दें। पूरी नौकरशाही और Media मुख्यमंत्री की तरफ टुकटुकी लगाए बैठे हुए हैं।

 

 

 

 

 

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