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रोकें भोजन की बर्बादी!ईंधन के तौर पर करें इस्तेमाल:Graphic Era में International Seminar में Experts ने सुझाए निपटने के तरीके

Chetan Gurung

नामी Experts ने भोजन की बर्बादी को Graphic Era डीम्ड विवि में आयोजित International Seminar में पाप करार देते हुए इसको रोकने और इसके लिए जरूरी उपाय भी सुझाए.उन्होंने कहा कि भारी मात्रा में फेंके जाने वाले भोजन से ईंधन भी बनाया जा सकता है.

खाद्य सुरक्षा व गुणवत्ता पर 2 दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी में आज इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुम्बई के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो. GD यादव ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि बायोमास हाइड्रोजिनेशन तकनीक से प्राप्त हाईड्रोजन गैस कृषि के साथ ही पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है।

उन्होंने कहा कि इस तकनीक की मदद से बर्बाद भोजन को ईंधन, रसायन व ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकेगा। फसलों में एग्रोकेमिकल की मात्रा और उसके दुष्प्रभाव घटाने पर जोर दिया जाना चाहिए। MAP वैन्चर्स, अमेरिका के J टॉड क्वेन्सनर ने क्रोन डिजीज पर अपने शोध का जिक्र करते हुए कहा कि माइकोबैक्टिरियम एरियम एसएसपी. पैराट्यूबरक्लोसिस से पीड़ित पशुओं में एमएपी रोगाणु पाया जाता है।

उन्होंने कहा कि यही रोगाणु क्रोन डिजीज के रोगियों के खून व टिशू में भी पाया गया है। ओसाका सिटी यूनिवर्सिटी, जापान के प्रो. काटसूयोशी निशीनारी ने कहा कि औसत व स्वस्थ जीवन सम्भाविता के बीच 10 वर्षों का अन्तर है। अधिकांश देशों में संतुलित आहार से मिलने वाला पोषण एक समान है.व्यायाम करना जरूरी है। कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि पौष्टिक व अच्छी गुणवत्ता का भोजन प्राप्त न होने की वजह से अधिकतर बच्चों में कुपोषण की शिकायत में इजाफा हो रहा है।

उन्होंने सुझाव दिया कि इसके निदान के लिए पौधों पर आधारित प्रोटीन चिया सीड्स, दाल, गेहूं, हरी सब्जियां, टोफू, बादाम आदि को नियमित रूप से भोजन में शामिल करना चाहिए।

एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट्स एण्ड टेक्नोलाजिस्ट्स, इण्डिया के सचिव डा. नवीन शिवअन्ना ने एएफएसटी(आई) के देहरादून चैप्टर का उद्घाटन किया। वीवीआईटी, मैसूर के डा. एसएम अराद्य, सेन्ट्रल फूड टेक्नोलाजिकल इंस्टीट्यूट मैसूर के डा. के. नीलकण्टेश्वर पाटिल और पोंडिचेरी यूनिवर्सिटी, पुड्डूचेरी के डा. कृष्ण कुमार जयसवाल ने भी संगोष्ठी को सम्बोधित किया।
संगोष्ठी के पहले दिन स्मारिका का विमोचन किया गया। 20 से ज्यादा पेपर और 55 से ज्यादा पोस्टर प्रेजेण्टेशन हुए। संचालन डा. अंकिता डोभाल और रिया बड़थ्वाल ने किया। शाम को आयोजित रंगारंग कार्यक्रम भी खूब पसंद किया गया। संगोष्ठी का आयोजन डिपार्टमेण्ट ऑफ फूड साइंस एण्ड टेक्नोलोजी ने इण्डियन नेशनल साइंस एकेडमी, नई दिल्ली और एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट्स एण्ड टेक्नोलाजिस्ट्स, इण्डिया के सहयोग से किया।

संगोष्ठी में HoD व संयोजक डा. विनोद कुमार, सह संयोजक डा. संजय कुमार, आयोजन सचिव डा. बिन्दु गुप्ता, डा. अरूण कुमार गुप्ता व इंजीनियर भावना बिष्ट, संयुक्त सचिव डा. रवनीत कौर भी मौजूद रहे।

 

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