जल्दी-जल्द बदलते फैशन के दौर में Graphic Era Fashion Show में Designers के Sustainable Design और फैशन ने सभी का ध्यान खींचा.
विवि के युवा डिजाइनरों ने नई और अनूठी पहल करते हुए पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक संसाधनों से तैयार परिधान models के जरिये Ramp पर पेश किए.ग्राफिक एरा के प्रो.KP नौटियाल ऑडिटोरियम में सस्टेनेबिलिटी पर आधारित फैशन शो ‘तस्व’ में युवा मॉडल्स ने अपनी अदा और पोशाकों से जलवे बिखेरने में सफ़लता पाई.
शो में विभिन्न संस्कृतियों पर आधारित परिधान पहने हुए माड्ल्स रैंप वॉक पर बिजली गिराते नजर आए. मुख्य अतिथि सेलेब्रिटी डिजाइनर डॉ. संजना जॉन ने छात्र-छात्राओं के आत्मविश्वास और उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि फैशन के लिए पैशन होना बहुत आवश्यक है।
बिच्छू घास (कंडाली) के रेशों से बने परिधानों को दर्शकों ने खूब सराहा। हिमाचल प्रदेश के कुल्लूवी व लहरिया नृत्य से प्रेरित परिधानों और पट्टू व गच्ची पर आधारित बेल्ट कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे। इन परिधानों में हिमाचल की महिलाओं द्वारा कपड़े बुने जाने की संस्कृति को भी दर्शाया गया।
शो में प्रदर्शित परिधानों में माइक्रो मोल्डेड यार्न की मदद से काढ़ी गई आकृतियां (हॉर्नबिल, बीड, शैल, डाओ,भाला, जियोमेट्रिक पैटर्न) भी शामिल थीं। ये आकृतियां नागालैंड के सन्ड्री ट्राइब से संबंधित हैं। अवध के नवाबों की जीवन शैली और प्रख्यात पेंटर MF हुसैन की पेंटिंग ‘त्रिमूर्ति’ पर आधारित परिधान भी छाए रहे।
युवा डिजाइनरों ने कुछ ऐसे अनूठे परिधान भी प्रदर्शित किए जो बेकार व बचे हुए कपड़ों और पुरानी डेनिम की मदद से तैयार किए गए थे।
परिधानों को प्रदर्शित करने वालों में अस्तित्व कलेक्शन की डिजाइनर श्रिष्ठा भंडारी, ताना-बाना कलेक्शन की डिजाइनर श्रुति तिवारी व निकिता रावत, प्रेट- ए- क्लोजेट कलेक्शन के डिजाइनर दीपिका रावत व निखिल नेगी, वर्व कलेक्शन व रिवायत कलेक्शन के डिजाइनर निखिल नेगी ,अर्बेन चिक कलेक्शन की डिजाइनर अस्मिता व अन्विता शामिल रहीं।
शो का संचालन गरिमा आयशा सिद्दीकी ने किया।
फैशन प्रैजेन्टेशन शो का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ फैशन डिजाइन ने किया। शो में कुलपति डॉ. संजय जसोला, HoD अमृत दास, डॉ. ज्योति छाबड़ा और छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे|