
Chetan Gurung
BJP की Central Parliamentary Board ने दो मौजूदा MP और पूर्व CM डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और तीरथ सिंह रावत को निराश करते हुए उनकी जगह युवा चेहरे अनिल बलूनी (पौड़ी सीट) और पुरानी बासमती पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत (हरिद्वार सीट) को लोकसभा चुनाव के महासमर में उतारने का फैसला किया.सियासी समीक्षकों की माने तो कम से कम 3 सीटों पर BJP कड़े इम्तिहान से गुजरेगी.विजय की कुंजी के तौर पर खुद को साबित करते रहे CM पुष्कर सिंह धामी के सामने अपनी पार्टी के कुछ हल्के समझे जा रहे प्रत्याशियों को संसद के निचले सदन में भेजने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने की कठिन चुनौती आ गई है.
Anil Baluni
उम्मीदों के मुताबिक ही बलूनी और त्रिवेंद्र को टिकट मिला.राज्यसभा में जब बलूनी नहीं गए तभी मजबूत ईशारा मिल गया था कि अगली बार वह Lower House में जाना चाहते हैं या फिर मोदी-शाह-नड्डा भेजना चाहते हैं.पौड़ी सीट पर तीरथ और त्रिवेंद्र भी मजबूती से दावे का खूंटा गाड़े हुए थे.इसके चलते मोदी-शाह-नड्डा-संघ को यहाँ टिकट देने से पहले काफी सोचना-समझना पडा.पौड़ी में टिकट न मिलने पर त्रिवेंद्र और बलूनी को हरिद्वार सीट से भी उतारने का हल्ला पहले से हो गया था.ऐसे में निशंक का पत्ता कटने की आशंका उभर आई थी.ऐसा ही हुआ.
Trivendra Singh Rawat
बलूनी को पौड़ी की जंग लड़ने का जिम्मा मिला और CM की कुर्सी से हटने के बाद तकरीबन 3 साल गुमनामी में गुजारने वाले त्रिवेंद्र की धमाकेदार वापसी सियासात की दुनिया में हो गई.BJP के अब पाँचों सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान हो चुका है.टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी-अल्मोड़ा से अजय टम्टा और नैनीताल से अजय भट्ट को पहले दौर में ही उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है.उत्तराखंड में BJP को Congress के मुकाबले पिछले कई सालों से Edge मिलता रहा है.इसके बावजूद इस बार सियासत के उस्ताद मान रहे हैं कि कम से कम 3 सीटें ऐसी हैं, जिस पर BJP को कांग्रेस से ठोस चुनौती मिल सकती है.
सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशी को बड़े अंतर से जीत दिलाने की अहम जिम्मेदारी अब मुख्यमंत्री और विजय का दूसरा नाम बन के उभरे भरोसेमंद पुष्कर सिंह धामी के कन्धों पर होगी.उन्होंने नामुमकिन से हालात के बावजूद BJP को पिछली विधानसभा आम चुनाव में जबरदस्त और आश्चर्यजनक विजय के साथ ही सत्ता दिलाई थी.अपना उपचुनाव अभूतपूर्व अंतर से जीते और मंत्री चन्दन रामदास के असमय निधन के बाद खाली सीट पर उनकी पत्नी को मुश्किल हालात के बावजूद विधानसभा में पहुँचाया.
ये लोकसभा चुनाव अब कई BJP प्रत्याशियों के लिए बेहद अहम और सियासी नजरिये से फैसलाकून साबित होने वाला है.त्रिवेंद्र-बलूनी-माला राज्यलक्ष्मी-टम्टा-भट्ट के सामने जंग गंवाने का विकल्प ही नहीं है.कोई उम्र के ख़ास मोड़ पर है तो कोई Acid Test से गुजारे जा रहे.जो भी मोदी-शाह की सियासी जिंदगी की सबसे अहमतरीन जंग में नाकाम होगा, उसकी सियासत से भी विदाई होने के बड़ी सम्भावना है.
सभी पांच सीट BJP जीतने में कामयाब होती है तो मुख्यमंत्री का राजनीतिक ध्रुवतारा मोदी-शाह की उम्मीदों के आकाश पर आँखें चुंधिया देने वाली रोशनी बिखेरेगा.ये तय है.मुमकिन है कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के कुछ सूबेदारों की इच्छाएं अंगड़ाई लें लेकिन चुनाव में BJP ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ कर दिया तो फिर पुष्कर की बुलंदी उनको निराश कर सकती हैं.