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गोरखा सैनिकों के शौर्य-बलिदान के लिए देश आभारी:जिस मैदान पर उनके कदम टिक गए, दुश्मन के उखड़ गए:CM पुष्कर:ऑल इंडिया गोरखा एक्स-सर्विसमेन्स वेलफेयर एसोसिएशन की 75वीं सालगिरह में उपलब्धि अर्जित करने वाले गोरखा जवानों का सम्मान:बैरिस्टर अरि बहादुर गुरुंग की प्रतिमा का अनावरण किया

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को All India Gorkha Ex Servicemans Welfare Association की 75वीं सालगिरह पर देश के लिए वीरता समेत हर क्षेत्र में उपलब्धि अर्जित करने वाले गोरखा सैनिकों का सम्मान-अभिनंदन करते हुए कहा कि देश उनके योगदान का सदा आभारी रहेगा। उन्होंने गढ़ी कैंट में MDDA की तरफ से निर्मित हरबंस कपूर Community Centre में बैरिस्टर अरि बहादुर गुरुंग की प्रतिमा का अनावरण भी किया। Train में 40 डाकुओं से युवती की अस्मत बचाने के लिए खुखरी ले के टूट पड़ते हुए कई डाकुओं को मौत के घाट उतारने वाले सेना मेडल और उत्तम जीवन रक्षक पदक विजेता नेपाल से पहुंचे नायब सूबेदार बिष्णु श्रेष्ठ का समारोह में मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सम्मान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैरिस्टर अरि बहादुर गुरूंग सांसद होने के साथ ही भारतीय संविधान के निर्माताओं में थे। समारोह सिर्फ एक संगठन का उत्सव न हो के उस अदम्य साहस, समर्पण, राष्ट्रभक्ति और गौरवशाली परम्परा का उत्सव भी है, जिसे गोरखा सैनिकों ने सदियों से अपने पराक्रम से संजोया है। CM PSD ने कहा कि गोरखा सैनिकों के पराक्रम और बलिदान की पहचान इस बात से होती है कि दुनिया की कोई भी युद्ध गाथा गोरखाओं के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती। भारत सरकार की तरफ से ऑल इंडिया गोरखा एक्स-सर्विसमेन्स वेलफेयर एसोसिएशन को ऑल इंडिया स्टेटस प्रदान किया जाना इस समुदाय की प्रतिष्ठा और योगदान का सम्मान है। गोरखाओं के अदम्य साहस और वीरता की गाथाएँ इतिहास के पन्नों में अंकित हैं।

सेना मेडल विजेता बिष्णु श्रेष्ठ (बाएँ से तीसरे)

उन्होंने कहा कि “जिस मैदान में गोरखा टिक गए, वहां दुश्मन कभी टिक नहीं पाया है’’। उनका मुख्य अस्त्र खुखरी सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि मातृभूमि की रक्षा का संकल्प भी है। गोरखा सैनिकों ने सदियों से देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस शौर्य, बलिदान और राष्ट्र सेवा के लिए भारत का हर एक नागरिक उनका आभारी है। अमर वीर मेजर दुर्गा मल्ल के अद्वितीय शौर्य को भुला पाना असंभव है। परमवीर चक्र से सम्मानित लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा और आजाद भारत के प्रथम अशोक चक्र विजेता नर बहादुर थापा जैसे अनगिनत वीरों ने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गोरखा समाज हमारी सीमाओं की रक्षा के साथ ही राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गोरखा समाज की मेहनत, अनुशासन और निष्ठा प्रत्येक क्षेत्र में स्पष्ट रूप से झलकती है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि गोरखा रेजिमेंट के जवानों ने हर युद्ध में, हर मोर्चे पर अपनी अदम्य बहादुरी और वीरता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि गोरखा समाज न केवल देश की सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास में भी अपना अहम योगदान दे रहा है।

इस मौके पर विधायक सविता कपूर, सचिव (केंद्रीय सैनिक कल्याण बोर्ड) बिग्रेडियर DS बसेड़ा, ऑल इंडिया गोरखा एक्स-सर्विसमेन्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कर्नल RS  क्षेत्री भी मौजूद थे। बिष्णु श्रेष्ठ के साथ ही पदम बहादुर मल्ल  (अर्जुन अवार्डी),लोक बहादुर गुरूंग (1962, 1965,1971 युद्ध प्रतिभागी एवं घायल),राम बहादुर मल्ल (युद्ध सेना मेडल, एवरेस्ट विजेता),BS मल्ल (सेना मेडल) को भी सम्मानित किया गया। लोक कलाकारों ने गोर्खाली, गढ़वाली एवं कुमाऊँ नी लोकनॄत्य पेश किए। कार्यक्रम का संचालन प्रभा शाह, पूजा सुब्बा चंद, संकल्प पंत और YB थापा ने किया| समारोह मे भारत के विभिन्न राज्यों में संस्था की शाखाओं के अध्यक्षों ने शिरकत की।

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