
Chetan Gurung
उत्तराखण्ड में प्रवेश पर बाहरी लोगों को Green CESS (एक किस्म का Tax) चुकाना होगा। पुष्कर सरकार ने उत्तराखंड राज्य के गठन की Silver Jubilee (25 वर्ष) पर पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बचाए रखने के मद्देनजर ये अहम कदम उठाने का फैसला किया। Electric-हाइड्रोजन-Solar और Battery Motors को इसमें छूट दी जाएगी

CM Pushkar Singh Dhami
—————–
Green Cess को अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से वसूला जाएगा। इससे प्राप्त राजस्व का इस्तेमाल वायु प्रदूषण नियंत्रण, Green Infrastructure और Smart Traffic Management पर खर्च होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “उत्तराखण्ड के 25 वर्ष पूरे होने पर सरकार की प्रतिबद्धता है कि हम राज्य को स्वच्छ, हरित और प्रदूषण-मुक्त बनाएँ”।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) के Member Secretary डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि बोर्ड के अध्ययन के अनुसार देहरादून में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सड़क की धूल (55 फीसदी) है। वाहन उत्सर्जन (7 फीसदी) भी एक प्रमुख कारण है। Green CESS के माध्यम से सड़क धूल नियंत्रण और स्वच्छ वाहन नीति अपनाना शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने का सबसे प्रभावी कदम होगा।
भारत सरकार के “स्वच्छ वायु सर्वेक्षण – 2024” में उत्तराखण्ड के शहरों ने शानदार प्रदर्शन किया है। ऋषिकेश को 14वाँ और देहरादून को 19वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार इस उपलब्धि को और सुदृढ़ करने के लिए Green CESS से मिलने वाली आय का उपयोग करेगी।
सरकार की कोशिश है कि वायु प्रदूषण में कमी लाई जाए। Air Quality Index (AQI) में सुधार हो सके। पुराने प्रदूषणकारी वाहनों पर नियंत्रण हों। स्वच्छ ईंधन आधारित वाहनों को प्रोत्साहन मिले। सड़क धूल, वृक्षारोपण और वायु निगरानी नेटवर्क में सुधार किया जाए। Green CESS से राज्य को लगभग ₹100 करोड़ प्रतिवर्ष की आय होने का अनुमान है।



