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Positive News::North Zone Universities सेमिनार::आने वाले 100 सालों की शिक्षा के लिए Graphic Era में मंथन: राज्यपाल ने कहा,`सभ्यता-संस्कृति-इतिहास से AI को जोड़ना जरूरी’:उच्च शिक्षा मंत्री DSR ने कहा,`विवि में तालमेल जरूरी’

GEGI Chairman KG ने कहा,`वक्त के साथ बदलाव जरूरी:बच्चे आने वाले सालों में Modern Class में-शिक्षक Online होंगे’:

Chetan Gurung

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (Ret) गुरमीत सिंह ने कहा कि Artificial Intelligence से अपनी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास को जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (North Zone) के कुलपति (VC) सम्मेलन में उन्होंने कहा कि बिना संकल्प सपने पूरे नहीं होते हैं.Graphic Era Institute of Medical Sciences के Auditorium में आयोजित सम्मलेन में उत्तरी क्षेत्र के राज्यों के 100 से ज्यादा विश्वविद्यालयों के VCs उच्च शिक्षा के भविष्य की दिशा पर मंथन करेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि AI हमें सम्पूर्ण इंटेलीजेंस और फिर कॉस्मिक इंटेलीजेंस की ओर ले जा रहा है। इस कॉस्मिक को भारत के लोग ज्यादा अच्छी तरह समझते हैं। AI, मेटावर्स और क्वांटम कम्प्यूटिंग के रूप में आ रहे बदलाव हमारे सोचने, समझने और देखने के नजरिये को पूरी तरह बदल देंगे। नई तकनीकों को शहरों तक सीमित रखने के बजाए  उनको गांवों तक पहुंचाना होगा. इससे Digital Divide खत्म होगा। आज के दौर में 80 प्रतिशत रोजगार AI से जुड़े हैं.

Governor Lt General (Vet) Gurmit Singh


शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य में 37 विश्वविद्यालय संचालित होने तथा 4 नए  विश्वविद्यालय अस्तित्व में आने की प्रक्रिया में होने का उल्लेख करते हुए राज्य में विश्वविद्यालयों की एसोसिएशन बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने और विश्वविद्यालयों में परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है। उत्तराखंड में 100 सेमिनार करके नवाचार और रैंकिंग को बेहतर बनाने का कार्य किया जाएगा। उत्तराखंड में दूसरे राज्यों के करीब 1,12,000 और दूसरे देशों के करीब 18 हजार युवा पढ़ रहे हैं। युवा सबसे पहले रैंकिंग देखते हैं। उन्होंने AIU से राज्य में अपनी सेवाएं देने का अनुरोध किया।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष व छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी (कानपुर) के कुलपति डॉ विनय कुमार पाठक ने कहा कि पीढ़ी चौथी औद्योगिक क्रांति को देख रही है। इसमें AI का इंसान और मशीन के साथ संगम हो रहा है। AI में भारत की GDP से चार गुना अधिक निवेश हो रहा है। Open AI सामने आने के बाद कुछ ही दिनों में गूगल जैसी कम्पनियों से आगे बढ़ गई।

डॉ पाठक ने कहा कि पहले ऑटोमोबाइल में 1400 मूविंग पार्ट्स होते थे.अब केवल 4 पार्ट्स होते हैं। उन्होंने समय के साथ Operating System को अपडेट करने और नोकिया की मिसाल देते हुए कहा कि वक्त के साथ Nokia ने ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं बदला.यह बड़ी कम्पनी खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि रिसर्च पेपर से प्रोडेक्ट डेवलप होने चाहिए। विश्वविद्यालयों को अपने शोधों से अधिक से अधिक प्रोडेक्ट तैयार करने चाहिए। ताइवान छोटा सा देश होने के बावजूद सेमी कंडक्टर बनाने में सबसे आगे है।

डॉ पाठक ने थ्योरी और प्रैक्टिकल के पीरियड से प्रॉब्लम सॉल्व करना सिखाने को अधिक महत्वपूर्ण करार दिया। उद्घाटन सत्र में Graphic Era Group of Institutions के Chairman डॉ कमल घनशाला ने शिक्षा के क्षेत्र में तेज बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि अगले 10 वर्षों में सब कुछ बदल जाएगा। आने वाले समय में कोई क्लास रूम नहीं होगा। बच्चे स्टूडियो या Modern Class  में पढ़ाई करेंगे.शिक्षक Online प्रेजेंटेशन देंगे। बच्चे कुछ खास समारोह के अवसरों पर ही कॉलेज आया करेंगे।

डॉ कमल ने कहा कि छात्र को जिस विश्वविद्यालय का जो विषय अच्छा लगेगा, वह वहां से उस विषय को पढ़ेगा. किसी दूसरे विश्वविद्यालय से कोई दूसरा विषय पढ़ेगा। क्रेडिट ट्रांसफर व्यवस्था के जरिये यह एक सामान्य बात हो जाएगी। इसके लिए अभी से सबका तैयार होना आवश्यक है। देश के विश्वविद्यालयों के समक्ष कई तरह की चुनौतियां हैं। रिलेशनशिप बराबरी के स्तर पर होती है। कोई अच्छी रैंक वाली यूनिवर्सिटी अपने से नीचे के स्तर वाली यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ने का कोई करार नहीं करना चाहती है। विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ जुड़ने के लिए देश के विश्वविद्यालयों को भी अपना स्तर उठाना होगा।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ पंकज मित्तल ने AIU की रिपोर्ट पेश की.उन्होंने बताया कि संघ के 5 Zone के लिए उच्च शिक्षा की जरूरतों से जुड़े विषय कुलपति सम्मेलन की थीम के रूप में रखे गए हैं। देश के 1028 विश्वविद्यालयों से जुड़े विश्वविद्यालय संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्ण, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डॉ जाकिर हुसैन, डॉ KL श्रीमाली इस संघ के अध्यक्ष के रूप में सेवा कर चुके हैं।

इस मौके पर यूकोस्ट के DG डॉ दुर्गेश पंत भी मौजूद रहे। संचालन ग्राफिक एरा के प्रोफेसर डॉ MP सिंह ने किया। उद्धाटन सत्र के बाद मंथन के सत्र शुरू हो गए। दो दिनी सम्मेलन में उत्तराखंड, UP, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू काश्मीर समेत अन्य राज्यों के 100 से अधिक कुलपति मंथन कर रहे हैं. इतने ही कुलपति इस सम्मेलन से Online जुड़े हैं।

 

 

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