Chetan Gurung
स्कूली बच्चों को कृमि मुक्ति की दवाई खिला के उनको स्वास्थ्य और सफाई के महत्त्व से दो-चार कराया गया.MD (NHM) स्वाति एस. भदौरिया ने गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज में अपने हाथों से दवाई पिला के मिशन की शुरुआत की।
स्वाति ने कृमि संक्रमण से होने वाले नुक्सान और बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति सुधारने के लिए इससे जुड़ी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का जिक्र किया। सफाई पर खास ध्यान देने पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि बच्चों व किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए लगातार प्रतिबद्ध हो के कार्य हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग बीमारियां, संक्रमण और मृत्यु दर को कम करने के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करा रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों, किशोर व किशोरियों में अनीमिया के स्तर को कम करने के लिए बच्चों को कृमि मुक्त करना आवश्यक है.इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को दूर करना है.
MD ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के इस चरण में 37.29 लाख बच्चों और किशोर-किशोरियों को लगभग 23 हजार निजी व सरकारी स्कूलों और 20 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से कृमि नियंत्रण की दवा खिलाने का लक्ष्य रख गया है। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए शिक्षा विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड मिल के कार्य कर रहे हैं.
तकनीकी शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), नवोदय विद्यालय समिति, निजी विद्यालय संगठन, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स, आउटरीच ब्यूरो, राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.), नगर निगम से भी तालमेल कर बच्चों को दवाई खिलाई गई।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान प्रधानाचार्य एम.सी. गौतम, डॉ संजय जैन मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून, डॉ कुलदीप मार्तोलिया सहायक निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, डॉ अर्चना ओझा सहायक निदेशक, आदि अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।