Super Specialists Contract Doctors पर पुष्कर सरकार ने बरसाए नोट:मेडिकल कॉलेज में तनख्वाह बढ़ी:पहाड़ में 5 लाख व मैदानी Postings पर 4 लाख तक वेतन:दूर होगी फैकल्टी की किल्लत:हाथों हाथ शासनादेश हुआ
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह ने कहा,दूर होगी सुपर स्पेशलिस्ट फैकल्टी की कमी:निजी मेडिकल कॉलेजों में मोटी तनख्वाह से सरकार के आगे फैकल्टी की किल्लत का संकट दूर होगा!
Chetan Gurung
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में Contract पर तैनात Super Specialists Doctors को पुष्कर सरकार ने बड़ा तोहफा देते हुए उनकी तनख्वाह में अच्छा-खासा इजाफा कर दिया.इसका शासनादेश जारी भी कर दिया. पहाड़ की तैनाती पर 5 लाख अधिकतम और मैदान की तैनाती पर 4 लाख अधिकतम मानदेय प्रोफ़ेसर को मिलेंगे.इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी एवं रेडियोलॉजी विभागों में फैकल्टी की कमी ख़त्म हो जाएगी। सरकार ने मैदानी एवं पर्वतीय क्षेत्रों के लिये सुपर स्पेशलिस्ट एवं रेडियोलॉजिस्ट के वेतनमान का पुनर्निर्धारण भी किया है।
CM Pushkar Singh Dhami
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चिकित्सा-स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह ने बताया कि वेतनमान का नए सिरे से निर्धारण होने से खास तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों में आ रही फैकल्टी की कमी दूर हो जाएगी। पुनर्निर्धारित वेतनमान के तहत कार्डियोलाजी, नेफ्रोलाजी, न्यूरोसर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी एवं रेडियोलॉजी विभाग में तैनात सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों को बढ़ा हुआ वेतनमान दिया जाएगा।
Dr Dhan Singh Rawat
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मैदानी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों में तैनात प्रोफेसर को अधिकतम 4 लाख रूपये, एसोसिएसट प्रोफेसर को 3 लाख 20 हजार, असिस्टेंट प्रोफेसर को 2 लाख 20 हजार व सीनियर रेजीडेंट को 1 लाख 50 हजार रुपये हर महीने दिए जाएंगे.पर्वतीय क्षेत्रों में ये मानदेय और आकर्षक किया गया है.वहां प्रोफेसर को 5 लाख, एसोसिएट प्रोफेसर को 4 लाख, असिस्टेंट प्रोफेसर को 3 लाख व सीनियर रेजीडेंट को 2 लाख रुपये तक मानदेय दिया जाएगा।
संविदा के आधार पर तैनात फैकल्टी के कार्य प्रदर्शन के मूल्यांकन के आधार पर मानदेय में प्रतिवर्ष वृद्धि का भी प्रावधान रखा गया है। असिस्टेंट प्रोफेसर एवं सीनियर रेजिडेंट के मानदेय में उत्तम कार्य प्रदर्शन के आधार पर 10 प्रतिशत तथा एसोसिएट एवं प्रोफसर के मानदेय में 7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की जाएगी।
संविदा पर तैनात फैकल्टी को आयुष्मान भारत, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना तथा राज्य सरकार के स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत राजकीय चिकित्सालयों में अर्जित क्लेम की धनराशि में से भी प्रावधान के अुनसार प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
डॉ धन सिंह ने कहा कि किसी भी संविदा फैकल्टी के सदस्यों को नौकरी छोड़ने अथवा इस्तीफा देने से तीन माह पूर्व कॉलेज प्रशासन को नोटिस देना होगा। पर्वतीय क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई अब बेहतर हो सकेगी.सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रोफ़ेसर मोटी तनख्वाह मिलने के चलते लगातार निजी मेडिकल कॉलेजों का रुख कर रहे हैं.नए मानदेय पुनर्निर्धारण से उनको अब रोका जा सकेगा.