
Chetan Gurung
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 10वीं बैठक में कहा कि पलायन की समस्या से निजात पाने के लिए राज्य भर में Reverse Migration को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह परवासी पंचायतों का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीण आजीविका को बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएँ लागू की गई हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत ऋण लेने पर पात्र लाभार्थियों को अनुदान (सब्सिडी) भी प्रदान की जा रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है। प्रवासी पंचायतों और वेडिंग डेस्टिनेशन विकास पर विशेष बल दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रवासी पंचायतों में देश एवं विदेश में कार्यरत प्रवासियों को आमंत्रित किया जाए। उनके सुझाव भी प्राप्त किए जाएँ। आयोग के सदस्यों को अन्य राज्यों में जाकर रिवर्स पलायन के लिए राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे कार्यों की जानकारी लोगों को दे के उनको वापसी के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि त्रियुगीनारायण की तर्ज पर राज्य के 25 नए स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए लघु उद्योगों के संवर्धन पर भी बल दिया गया। रिवर्स पलायन की दिशा में हो रहे प्रयासों के अब तक उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं।
ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ॰ एस.एस. नेगी ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अब रिवर्स पलायन का रुझान देखने को मिल रहा है। अब तक लगभग 6282 व्यक्ति वापस अपने गाँवों में लौटे हैं। इनमें देश के भीतर और विदेशों से लौटे लोग भी शामिल हैं। बैठक में आयोग के सदस्यों ने रिवर्स पलायन को और गति देने के लिए कई रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए।
बैठक में सचिव विनय शंकर पाण्डेय, धीराज गर्ब्याल, डॉ॰ श्रीधर बाबू अद्दांकी, सी. रविशंकर, अपर सचिव अनुराधा पाल, डॉ॰ मेहरबान सिंह बिष्ट,चन्द्र सिंह धर्मशक्तू, संतोष बडोनी, सुरेश जोशी, ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के सदस्य अनिल सिंह शाही, दिनेश रावत, सुरेश सुयाल, राम प्रकाश पैन्यूली एवं रंजना रावत उपस्थित रहे।



