
Chetan Gurung
उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए आंदोलन करते हुए मसूरी और खटीमा में पुलिस गोलीकांड में जान देने वाले शहीदों की 31वीं बरसी पर CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहीदों के सपनों को पूरा करने के लिए उनकी सरकार जी-जान से कर रही है।
उन्होंने खटीमा-मसूरी में शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना सर्वस्व न्यौछावर किया। खटीमा में श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान उनके साथ MP अजय भट्ट भी थे। दोनों ने शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 सितंबर को खटीमा कांड, 2 सितंबर को मसूरी और 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा कांड हुआ, ये तीनों दिन हमारे राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं। हम अपने अमर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को कभी भूल नहीं सकते। उत्तराखंड राज्य आंदोलन जब 1994 में उफान पर था तब मसूरी में PAC-पुलिस और आंदोलनकारियों में मसूरी में जोरदार संघर्ष हुआ था।
आंदोलनकारी किसी भी कीमत पर प्रदर्शन और आंदोलन करने पर आमादा थे। जो अहिंसक था। उस वक्त की UP सरकार इस आंदोलन को हर कीमत पर कुचलना चाहती थी। State Firing में कई आंदोलनकारी पुरुष-महिलाओं की शहादत हो गई थी। इस मामले की बाद में CBI जांच बैठी।