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भ्रष्टाचार पर और तेज होगा पुष्कर सरकार का प्रहार:Vigilance महकमे को Cabinet ने दी Additional Post की मंजूरी:Senior Citizens को सौगात:बेटा 18 साल का हो तब भी मिलती रहेगी Old Age Pension

DMs को CM PSD का फरमान,`बुजुर्गों की मदद-संरक्षण में कसर न रहे’:देखभाल का फर्ज न निभाने पर उत्तराधिकारी से संपत्ति वापिस बुजुर्ग को चली जाएगी

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी की सदारत में हुई बैठक में Cabinet ने Vigilance महकमे के लिए 20 नए पद मंजूर कर भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जंग को और धारदार बनाने की राह आसान करने के साथ ही आक्रामक अंदाज आजमाने के लिए Extra ताकत महकमे को सौंप दी। Senior Citizens को भी सौगात मिली। अब बेटा 18 साल का होने पर भी Old Age Pension मिलती रहेगी। PSD ने DMs को आज आदेश भी जारी किए कि बुजुर्गों को सम्मान-संरक्षण देने में कसर न छोड़े।

Vigilance महकमे ने एक के बाद एक पुलिस-राजस्व से ले के तकरीबन हर महकमे के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर और असरदार मुहिम छेड़ के खौफ का आलम पैदा किया हुआ है। मंत्रिमंडल ने इस मुहिम को और अधिक पैना और आक्रामक बनाने के लिए 20 नए पद और मंजूर किए। पहले 132 पद स्वीकृत थे। अब इनकी तादाद ढांचे में 156 हो गई है।

खनन सामग्री के लिए State और District स्तर पर Mining Trust के गठन और GST के ढांचों में भी इजाफा करने के प्रस्तावों को Cabinet ने मंजूरी दी। Bridges के लिए PMU के गठन पर भी हामी भरी गई। वृद्धावस्था पेंशन पुत्र के 18 साल की उम्र का होने पर बंद कर दी जाती थी।

मंत्रिमंडल ने पेंशन निरंतर जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। इससे वृद्धों को भरण-पोषण में राहत मिल सकेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर ने जिलाधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण का पीठासीन अधिकारी बनाते हुए उन्हें संबंधित शिकायतों का निस्तारण करने के लिए निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिए कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लागू ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम-2007 (MWPSC Act, 2007)’ को प्रभावी ठंग से अमल में लाया जाए।

यह अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों एवं माता-पिता को संपत्ति के उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की वैधानिक व्यवस्था प्रदान करता है। इस कानून को अमल में लाने के लिए राज्य में जिला स्तर पर कुल 13 अपीलीय भरण-पोषण अधिकरण एवं सब डिविजन स्तर पर  हैं। भरण-पोषण की राशि अधिकतम ₹10,000 प्रति माह निर्धारित की जा सकती है। जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट हैं। उन पर वरिष्ठ नागरिकों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है। तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी भरण पोषण संबंधित अधिकरण के पीठासीन अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) पदेन भरण-पोषण अधिकारी के रूप में जिम्मेदार बनाए गए हैं।

–संपत्ति हस्तांतरण में सुरक्षा प्रावधान–

कानून के तहत यदि कोई वरिष्ठ नागरिक देखभाल की शर्त पर संपत्ति हस्तांतरित करता है, लेकिन इसके बाद तय शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो अधिकरण उस हस्तांतरण को अमान्य घोषित करते हुए, संपत्ति की वापसी सुनिश्चित कर सकता है। राज्य में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का गठन करते हुए रामचंद्र गौड़ को अध्यक्ष, शांति मेहरा, नवीन वर्मा, और हरक सिंह नेगी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। CM ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक जीवन-यापन में उत्तराधिकारी से उपेक्षित महसूस करते हैं, तो अविलंब अपने नजदीकी भरण-पोषण अधिकरण (Maintenance Tribunal) अथवा जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) से संपर्क कर सटके हैं।

 

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