कड़क-अहम हिदायतें!!DGP दीपम ने कसे अफसर:विवेचना में सुधार लाने की दी हिदायत:गंभीर जुर्म की जांच में पारदर्शिता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने-Training पर बल दिया:अदालत के आदेश के अनुपालन में हीलाहवाली पर थानों से लेकर कप्तान तक जवाबदेह होंगे
विवेचनाओं की नियमित मॉनिटरिंग का जिम्मा Addl SPs/COs के कंधों पर होगा

Chetan Gurung
DGP दीपम सेठ ने आज समीक्षा बैठक में आला अफसरों को कसते हुए विवेचना की गुणवत्ता में सुधार लाने और गंभीर जुर्म की जांच में पारदर्शिता के साथ वैज्ञानिक नजरिया अपनाने तथा इसके लिए जरूरी training कराने की हिदायत दी।
उन्होंने अदालतों के आदेशों के अनुपालन में हीला हवाली से बचने और इसके लिए थानों से ले के SSPs तक की जवाबदेही तय की। विवेचनाओं की Monitoring का जिम्मा Addl SP और Cos के कंधों पर डाली। उन्होंने माना कि सीमित जन शक्ति, कानून-व्यवस्था ड्यूटी तथा आपदा राहत एवं बचाव कार्य में व्यस्तता के साथ विवेचनात्मक गुणवत्ता में ऊंचाई लाना और बड़ी चुनौती है। समय प्रबन्धन व निरंतर पर्यवेक्षण को भी उन्होंने आवश्यक करार दिया।
पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में VC के जरिये हुई Meeting में गढ़वाल एवं कुमाऊ रेंज सहित समस्त जिलों के वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षकों संग समीक्षा बैठक काफी कसी हुई रही। DGP ने जांच रिपोर्ट, चार्जशीट एवं फाइनल रिपोर्ट पर वरिष्ठ अधिकारियों से निजी तौर पर Observation करने के निर्देश दिए। सरल और अपराध-आधारित SOPs को नए आपराधिक कानूनों के अनुरूप बनाने पर बल दिया। विवेचना को सही एवं निष्पक्ष रखने के लिए Investigation Plan-Scientific Facts,वीडियोग्राफी एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के समावेश को जरूरी बताया।
दीपम ने निर्देश दिए कि PHQ के निर्देशों की अवहेलना पर विवेचक, थानाध्यक्ष, क्षेत्राधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों का उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित किया जाए। जांच अधिकारियों के Work Load का भी आंकलन करने की जरूरत जताई। बैठक में ADG (L and O) डॉ V मुरूगेशन, ADG (प्रशासन) अजय प्रकाश अंशुमन, IG नीलेश आनन्द भरणे, अनंत शंकर ताकवाले, राजीव स्वरूप, DIG धीरेन्द्र गुंज्याल, तृप्ति भट्ट, SP नवनीत भुल्लर भी उपस्थित रहे।