
Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने Emergency लगाए जाने की आधी सदी के मौके पर उस दौरान सरकार के फैसले का विरोध करते हुए जेल गए लोकतन्त्र सेनानियों की दिक्कतों और समस्याओं के हल को प्राथमिकता देने का वादा करते हुए कहा कि इसके लिए शासन स्तर पर नोडल अफसर नामित किए जाएंगे। उनके कल्याण और हित में विधानसभा के मॉनसून सत्र में विधेयक लाया जाएगा। उनकी सम्मान निधि को भी बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने सम्मान निधि की प्रक्रिया सरल बनाने और लोकतंत्र सेनानियों के प्रमाण पत्र जल्दी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए| आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित संविधान हत्या दिवस-2025 पर मुख्यमंत्री आवास में लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिवारजनों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री ने आपातकाल में मीसा एवं DIR बंदियों के साथ बातचीत भी करते हुए कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने जेलों की काल कोठरियों में भी लोकतंत्र के दीप को बुझने नहीं दिया।
PSD ने कहा कि आपातकाल संविधान की आत्मा को कुचलने का प्रयास था। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 का दिन हमेशा एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। 50 वर्ष पूर्व इसी दिन देश पर आपातकाल थोपा गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनावी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता को निरस्त कर दिया गया था। सत्ता छिन जाने के भय से 25 जून की रात को आपातकाल की घोषणा करवा दी गई।
उन्होंने कहा कि तब भारतीय संसद का गला घोंट दिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को बंधक बना लिया गया। न्यायपालिका की गरिमा तार-तार कर लाखों देशवासियों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया गया। विपक्षी नेताओं, सैंकड़ों पत्रकारों सहित हर उस आवाज का निर्ममता से दमन किया जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठ रही थी। पूरे देश को एक खुली जेल बना दिया गया था।मीसा और डीआईआर कानून को थोपकर हज़ारों लोकतंत्र समर्थकों को जेलों में ठूंस दिया गया। आज आयोजन के दौरान पूर्व CM भगत सिंह कोश्यारी भी मौजूद थे।