पंचायत चुनाव तक प्रशासक नियुक्त:DM संभालेंगे जिला पंचायत:SDM-ADO निचली कुर्सियों पर काबिज होंगे:चुनाव और गठन तक का रहेगा कार्यकाल:हरिद्वार मुक्त
CM पुष्कर की चुनावी बादशाहत को चुनौती दे पाना Congress के लिए बेहद मुश्किल लक्ष्य:Assembly चुनाव से पहले खुद को तौलेंगे-परखेंगे दोनों प्रमुख दल

Chetan Gurung
हरिद्वार छोड़ के राज्य भर में जिला-क्षेत्र-ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिए गए हैं। DM को जिला पंचायत प्रमुख की और SDM को क्षेत्र पंचायत तथा सहायक विकास अधिकारी को ग्राम पंचायत प्रमुख की कुर्सी सौंपी गई है। नए चुनाव और गठन तक (31 july 2025 तक या जो भी पहले हो) वे इस ज़िम्मेदारी को संभालेंगे। BJP-Congress के लिए ये चुनाव बहुत अहम साबित होने वाले हैं। दोनों इन चुनावों में खुद को 21 साबित करने और अपनी Party के कार्यकर्ताओं जा हौसला बढ़ाने तथा साल-2027 के विधानसभा चुनावों से पहले अपनी क्षमता और सामर्थ्य को भी तौलना चाहेंगे। 7514 ग्राम पंचायत, 2936 क्षेत्र पंचायत,343 जिला पंचायतों और 55640 ward पंचायतों में चुनाव होने हैं। हरिद्वार में चुनाव न होने के कारण 12 जिला पंचायतों में ही DM प्रशासक नियुक्त किए गए हैं।
चुनावी जादूगर CM पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली BJP को टक्कर देना छिन्न-भिन्न किस्म की Congress के लिए बहुत ही मुश्किल होगा
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जुलाई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं। ग्राम पंचायत के 27 मई, क्षेत्र पंचायत के 29 मई और जिला पंचायत के 1 जून (सभी इसी साल) को कार्यकाल समाप्त हो चुके हैं। सिर्फ हरिद्वार में ये चुनाव अभी नहीं होने हैं। प्रशासकों की व्यवस्था अपरिहार्य परिस्थिति में की गई है। जुलाई में चुनाव होने हैं। इसके साथ ही हरिद्वार छोड़ के अन्य जिलों में चुनाव आचार संहिता भी लग जाएगी। ये चुनाव भले छोटे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत और क्षमताओं को मापने-आँकने का ये आखिरी अवसर BJP-Congress के पास रहेगा।
अपने हक में माहौल बनाने के लिए दोनों दलों के लिए इससे बेहतर मौका फिर नहीं मिलने वाला है। इन चुनावों में नतीजे माफिक रहे तो दोनों दल अपने कार्यकर्ताओं में ऊर्जा और उत्साह का समावेश कर सकेंगे।साथ ही अवाम को ये यकीन दिलाने में कामयाब रहेंगे कि सरकार के लिए पहली और बेहतर पसंद लोगों की वही है। CM पुष्कर सिंह धामी के रहते BJP के लिए इन चुनावों में अधिकांश सीटें अपनी झोली में डालना कोई बड़ी दिक्कत या चुनौती नहीं होगी।
पुष्कर ने तकरीबन अपनी अगुवाई वाली या फिर अपने Involvement वाली सीटों (कोई भी और किसी भी स्तर के चुनाव हों) में कमल का फूल खिलाने का कमाल एकदम कमाल के अंदाज में किया है। वह पंचायत चुनावों में अपनी कामयाबी के प्रतिशत को और अधिक बढ़ाने के लिए जी-जान झोंक देंगे। वह बाखूबी जानते हैं कि इन चुनावों को फतह कर वह विधानसभा चुनावों के लिए एक पक्की बुनियाद और प्लेटफार्म तैयार कर सकेंगे।
टूटी-फूटी पड़ी और आपस में ही गुत्थमगुत्था-तलवारबाजी-नेजाबाजी-बयानबाजी करने में उलझी-फंसी-घिरी Congress के लिए पंचायत चुनावों तक खुद को संभालना और घर के झगड़ों को निबटा के CM PSD की अगुवाई में लड़े जाने वाले पंचायत चुनावों में धमाकेदार वापसी कर पाना बहुत ही दुरूह-दुष्कर और काँटों भरी राह नजर आ रही है। ऐसा समझा जा रहा है कि Congress आला कमान ने उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के लिए मन बना लिया है।
चुनाव से पहले ये हो गया तो लगभग खूंरेजी अंदाज में चल रही Congress सियासत में इतना दम एक-दूसरे की शहादत देने के विश्वासघात के अंदेशे से भरपूर जंग को फतह करना और भी कठिन हो सकता है। बदलाव नहीं होता है तो Congress के लोग पहले ही हताश-निराश-असंतुष्ट-आक्रोशित अंदाज खुले आम दिखा रहे। अंजाम सभी समझ सकते हैं।