
Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को ऐलान किया कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़ी महिलाएँ सौर सखी के तौर पर पहचानी जाएंगी। योजना और स्वरोजगार से जुड़ी अन्य योजनाओं को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए विकासखण्डों में विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। सौर प्लांटों के रख-रखाव के लिए हर जिले में लोगों को प्रशिक्षण दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अपने आवास में मुख्य सेवक सदन में कहा कि इस योजना के तहत राज्य में 250 मेगावाट का लक्ष्य पूर्ण किया जा चुका है। इस योजना को और विस्तार की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। सौर ऊर्जा का स्रोत असीमित होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौर ऊर्जा के उपयोग को व्यापक बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने वर्ष-2030 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य भी उन्होंने रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सौर ऊर्जा नीति में वर्ष-2027 तक 2500 मेगावाट सोलर क्षमता उत्पादन का लक्ष्य रखा है। Rooftop सोलर प्लांट्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष सब्सिडी दी जा रही है। PM सूर्यघर योजना के माध्यम से भी सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना के लिए लाभार्थियों को सब्सिडी दी जा रही है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 20 से 200 किलोवाट तक की परियोजनाएं स्थापित करने पर 20 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के साथ-साथ दिव्यांगजनों को 5 प्रतिशत का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि UPCL Power Purchase Agreement के जरिये 25 वर्षों का अनुबंध कर बिजली खरीद की गारंटी भी सुनिश्चित की गई है। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए आवेदन से लेकर आवंटन तक की व्यवस्थाओं को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरल, सुलभ और दक्ष बनाया गया है।
संवाद के दौरान उत्तरकाशी के शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना पर्वतीय क्षेत्रों के लिए काफी फायदेजनक है। इससे बंजर भूमि का सदुपयोग भी हो रहा है। चमोली के विकास मोहन ने कहा कि इस योजना का विकासखण्ड स्तर तक प्रचार हो, ताकि लोग इसका अधिकतम फायदा उठा सकें। पौड़ी की रूपा रानी ने कहा कि महिला शक्ति को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा क्षेत्र में योजना बनाई जानी चाहिए।
चम्पावत के केतन भारद्वाज ने कहा कि सोलर प्लांटों के रख-रखाव के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव R मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव एवं निदेशक (उरेडा) रंजना राजगुरू, प्रबंध निदेशक (UJVNL) संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक (पिटकुल) PC ध्यानी मौजूद थे।