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नई ब्रह्मोस मिसाइल और घातक होगी:डॉ सुधीर का Graphic Era Mega Career Counseling में Address

GEGI प्रमुख डॉ कमल घनशाला ने कहा,`Apple संग New Generation Lab बना रहा GE Uni’

Chetan Gurung

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के Former CEO व MD  प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ सुधीर मिश्रा ने कहा कि नई ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता और अधिक-घातक साबित होगी। पाकिस्तान के खिलाफ Operation Sindoor ने पूरी दुनिया को जतला दिया कि आज का भारत कितना  शक्तिशाली है। GEGI के Chairman प्रो कमल घनशाला ने कहा कि Graphic Era अपने Students को दुनिया की सबसे नई और विकसित तकनीकी से जोड़ने की दिशा में और आगे बढ़ रहा है।

Pro Kamal Ghanshala

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वह युवाओं को उनकी दिलचस्पी और क्षमताओं के मुताबिक करियर चुनने में मदद करने के लिए Graphic Era Deemed University की तरफ से आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि थे। डॉ मिश्रा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। Cease Fire पाकिस्तान की मजबूरी थी। भारत की नहीं। सीजफायर रोकने के लिए पाकिस्तान के सम्पर्क करने के तीन घंटे बाद भारत ने इसे स्वीकार किया। पाकिस्तान समझ गया था कि भारत का Defence System उसका खात्मा कर डालेगा।

ब्रह्मोस मिसाइल तैयार करने वाली टीम में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डॉ मिश्रा ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के Board of Governor के Member हैं। आज समारोह में NCC Cadets ने उनका फूलों की बारिश से स्वागत किया। उन्होंने मिसाइलमैन डॉ APJ अब्दुल कलाम के ब्रह्मोस बनाने की शुरुआत करने से लेकर इसे तैयार किये जाने तक की दास्तान सुनाई।

उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस दुनिया की पहली और अब तक की एकमात्र मिसाइल है जो सबसे तेज उड़ती है। इसकी रफ्तार 900 मीटर प्रति सेकेंड है। इसकी रेंज 30 किलोमीटर से लेकर 300 किलोमीटर तक है। इसको जल, थल और नभ तीनों से इसे चलाया जा सकता है। इसका निशाना सटीक है। न्यू जनरेशन की ब्रह्मोस और ज्यादा प्रभावी और जानलेवा होगी। इसका वजन कम करने और रेंज बढ़ाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

डॉ मिश्रा ने कहा कि ब्रह्मोस भारतीय समुद्र और बंगाल की खाड़ी में तो सुरक्षा करता ही है, साथ ही जापान से लेकर Egypt तक को सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने Students से देश को दुनिया में Number-1 बनाने के लिए पूरी क्षमता से कार्य करने का आह्वान किया। ये भी बताया कि एयरोस्पेस के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं।

Graphic Era Group of Institutions के Chairman डॉ कमल घनशाला ने मेगा काउंसिलिंग समारोह में इंजीनियरिंग करने से लेकर अब तक के अपने सफर पर प्रकाश डाला।युवाओं को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर एप्लीकेशन समेत विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों और स्टार्ट अप के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। डॉ घनशाला ने कहा कि अब सभी विषयों को Artificial Intelligence (AI) से जोड़ दिए जाने के कारण BCom, फाइन आर्ट्स, इंग्लिश ऑनर्स विषयों के छात्र-छात्राओं के लिए भी IT  कम्पनियों में अच्छे पद पाने के अवसर बढ़ गए हैं।

प्रो घनशाला ने कहा कि ग्राफिक एरा Students को नई तकनीकों से जोड़ने के साथ ही कड़ी प्रतिस्पर्द्धाओं के लिए भी तैयार करता है। नई तकनीकों से जोड़ने के लिए ग्राफिक एरा में टाटा के सहयोग एक्सीलेंस सेंटर बनाया गया है। GE ने AI सिखाने की तकनीकों पर 22 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अमेजॉन वेब सर्विसेज के साथ मिलकर देश का पहला फ्यूचर रेडी जेन AI Campus बनाया गया है। क्वांटम कम्प्यूटिंग का एक्सीलेंस सेंटर बनाया जा रहा है। Apple के साथ मिलकर नेक्स्ट जेनरेशन IOS Development Lab बनाई जा रही है। दुनिया की सबसे नई टेक्नोलॉजी से Students को जोड़ने की दिशा में ये बड़े कदम हैं।

प्रो KG ने कहा कि आज के हालात में एयरोस्पेस के क्षेत्र में युवाओं की दिलचस्पी और करियर बनाने की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं। अब युवा ड्रोन और मिसाइल टेक्नोलॉजी में भविष्य देखने लगे हैं। यूनिवर्सिटी के टेक इनोवेशन के प्रमुख  तेजस्वी घनशाला, अमेजॉन वेब सर्विसेज के पदाधिकारी रोहित शर्मा, डीन लॉ डॉ डेजी एलेक्जेंडर, करियर सर्विसेज एंड स्टूडेंट एक्सपीरियंस के जीएम अंशुल नंदा, डीन स्कूल ऑफ डिजाइन डॉ सौरभ कुमार, फैशन डिजाइनिंग की HoD डॉ ज्योति छाबड़ा ने भी युवाओं को करियर बनाने के संबंध में सुझाव दिए। संचालन साहिब सबलोक ने किया।

इस अवसर पर Silver Jubilee Convention Centre में Graphic Era के Start Up Centre TBI में स्टार्ट अप शुरु करने वाले युवाओं की कम्पनियों के उत्पादों, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग में तैयार ड्रोन और विभिन्न  विभागों की प्रदर्शनी में भी काफी भीड़ रही। युवाओं के लिए कई तकनीकी सत्रों का भी आयोजन किया गया।

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Mega Career Counseling में युवाओं ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विशेष दिलचस्पी दिखाई। विशेष बात ये रही कि हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की पृष्ठभूमि में युवाओं में देश भक्ति की भावना और वैज्ञानिक तकनीकों में रुचि जबर्दस्त दिखाई दे रही थी।

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