
Chetan Gurung
ग्राफ ए.थॉन में युवा वैज्ञानिकों ने अपनी रचनात्मकता और सृजनशीलता से हैरान कर दिया। उन्होंने एक ऐसा यंत्र तैयार किया है जो दिमागी तरंगों को MRI Scan में बदल देगा। 2 दिन 2 रात चली प्रतियोगिता में इसका शानदार मॉडल बनाया गया। जड़ी-बूटियों की जानकारी देने वाला App व रक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाला उपकरण भी तैयार किया गया है।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित रोचक तकनीकी मुकाबले में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक प्रोटोटाइप बनाए। 26 राज्यों के युवा वैज्ञानिकों ने लगातार 48 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद कई उपलब्धियां हासिल की। अपने अनोखे आइडियाज से उन्होंने लाखों रूपये के नगद पुरस्कार जीतने में कामयाबी पाई।
ग्राफ ए.थॉन के आखिरी दिन आज कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह ने कहा कि नवाचार कोडिंग स्किल्स व दृढ़ निश्चय के इस मैराथन में भाग लेने वाला हर Student कुछ ना कुछ सीख कर जाएगा। यहां मिलने वाला अनुभव व विशेषज्ञों की राय उन्हें भविष्य में और ज्यादा बेहतर करने की प्रेरणा देगी। उनके अविष्कार आगे जाकर समाज की बेहतरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
तनिष्क जायसवाल,अभिजीत जाधव,मोहम्मद फैजान व निहाल पांडे की टीम ने दिमागी तरंगों को एमआरआई स्कैन में बदलने वाला यंत्र बनाने में कामयाबी पाई। इसकी मदद से मरीज घर बैठे ही मस्तिष्क संबंधी विकारों का पता लगा सकेगा। गोविंद वल्लभ पंत इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पौड़ी की टीम माइंड बेंड ने प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया। टीम की टिशा गाबा, टिया गाबा,राहुल मलकानी,नेहा मलकानी व मयंक सैनी ने कम लागत वाला प्रोस्थेटिक लिंब बनाया। तीसरा स्थान ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी की टीम रेस्क्यूविज़न ने प्राप्त किया।
इसके अभय राज यादव, अर्चिशा घनशानी, स्वास्तिक शर्मा, तनीषा चौहान व वंश शर्मा का रोबोट भूकंप जंगल में आग व बाढ़ जैसी आपदाओं में फंसे पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने में उपयोगी साबित होगा। यह रोबोट ड्रोन की मदद से आपदा पीड़ित क्षेत्र में बचाव कार्य व चिकित्सा मदद जल्द से जल्द पहुंचाने का कार्य करेगा।
ग्राफिक एरा कौथिक-25:मंडुवे-बुरांश से विदेशी व्यंजन तैयार
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जायके के सफर में पहाड़ के मंडुवे और बुरांश को विदेशी व्यंजनों से जोड़ दिया। ग्राफिक एरा के कौथिक-25 में होटल मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं ने अपने हुनर को एक नए दिलकश अंदाज़ में पेश किया।
ग्राफिक एरा में पहाड़ के व्यंजनों को नए आयाम देने के लिए कौथिक 25 नाम से कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पहाड़ी इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल करके मंडुवे से फेटकुइन पास्ता बनाया गया। पास्ता के जायके ने लोगों का दिल जीता। बुरांश का चीज़ केक लोगों को खूब भाया। चेंसू भट्ट की चुड़कानी, एच्यूं की भुर्जीए पालक की काफूली, चंच्याए कुकड़ी का शिकार-लाल भात, आलू की थेच्वानी, झंगोरे की खीर, अरसे और बाल मिठाई व्यंजन आकर्षण का केंद्र बने रहे।