Big Breaking::IAS Association की Emergency Meeting में फैसला,`CM-CS से मिलेगा Delegation:लोक सेवकों के आत्म सम्मान-गरिमा की रक्षा की Guarantee मांगेंगे’:MP त्रिवेन्द्र के खनन सचिव पर बयान के बाद एकजुट हुए नौकरशाह:बोले,आलोचना ठीक लेकिन हम सरकार की Policies को ही अमल में लाते हैं:CM पुष्कर की मेहनत पर BJP के ही दिग्गज फेर रहे पानी
पहले ही प्रेमचंद-ऋतु खंडूड़ी-महेंद्र भट्ट-सुबोध के बयानों-हरकतों से उबाल पर है विवादों का खौलता पानी:हरिद्वार में दलित समाज भी भड़का:जुलूस निकाला

Chetan Gurung
लोकसभा MP और Ex CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खनन सचिव पर बयान के बाद Uttarakhand IAS Association ने Sunday को Emergency Meeting Call कर तय किया कि लोकसेवकों के आत्म सम्मान-स्वाभिमान और गरिमा की रक्षा हर हाल में की जाएगी और इस बाबत CM-Chief Secretary से उनका delegation मिलेगा। बैठक 1 April को CS का Charge संभालने जा रहे ACS और फिलहाल संगठन के President आनंदबर्द्धन की सदारत में हुई। हरिद्वार में दलित समाज भी TSR-1 के बयान पर भड़का हुआ है। उसने भी जुलूस निकाल के रोष जताया। पहले ही MLA प्रेमचंद अग्रवाल (मंत्री से इस्तीफा कराया गया)-Speaker ऋतु खंडूड़ी-BJP प्रदेश अध्यक्ष और MP महेंद्र भट्ट और मंत्री सुबोध उनियाल के बयानों तथा हरकतों से BJP-CM पुष्कर सिंह धामी के लिए मुसीबतें कम नहीं हैं।
CM Pushkar Singh Dhami
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President and soon to be CS Anandbarddhan
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असल पहलू ये है कि मुख्यमंत्री पुष्कर की उपलब्धियों और मेहनत पर उनकी पार्टी के ही दिग्गज अपनी जुबान और हरकतों से पानी फेरते नजर आ रहे हैं। IAS अफसरों की बैठक और कार्रवाई Report में किसी का भी नाम लिए बगैर कहा गया है कि उनको भी किसी भी आम नागरिक की तरह समस्त अधिकार हासिल हैं। किसी भी संस्था,ओहदेदार-सगठन और व्यक्ति को उनके बाबत असम्मानजनक बयान-संकेतों से बचना चाहिए। इससे उनके मनोबल पर Negative असर पड़ता है। कार्य क्षमता प्रभावित होती है। हतोत्साहित भी होते हैं।
Trivendra Singh Rawat with the CD Pushkar Singh Dhami at this holi
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बैठक में पारित किया गया कि लोक सेवकों के नाते उनका फर्ज चुनी गई सरकार की नीतियों को संवैधानिक दायरे में जमीनी स्तर पर लागू करना और तटस्थ रहते हुए व्यवस्था को स्थिरता तथा निरंतरता प्रदान करना है। आलोचना,असहमति और निंदा को वे आत्म सुधार के तौर पर लेते हैं। कोई कमी-गलती पर उसकी अलग से व्यवस्था निराकरण के लिए है। Association ने कहा कि उसकी सभी से लोक सेवकों के आत्म सम्मान और गरिमा की रक्षा की अपेक्षा है। इसको औपचारिक-विधिवत ढंग से Media को जारी नहीं किया गया है। इसके लिए भी CM-CS से प्रतिनिधिमंडल मिलेगा।
माना जाता है कि देश में IAS अफसर ही व्यवस्था की असल माई-बाप हैं। वे ही सरकार को अच्छी-बुरी वाली प्रतिष्ठा देते हैं या फिर उसकी दशा को डांवाडोल-बिगाड़ डालते हैं। अमूमन सभी सरकारें नौकरशाहों से बैर लिए बिना या उनको नाराज न करते हुए काम करना पसंद करती रही हैं। पुष्कर सरकार का रुख भी नौकरशाहों को नाहक न छेड़ते हुए उनसे काम लेने की है। IAS Association ने कहीं भी अपनी बैठक की कार्यवाही में किसी शख्स का नाम नाराजगी जताते हुए नहीं लिखा है लेकिन ये फैसला TSR (Senior) के बयान के बाद ही लिए जाने से उनको ही बैठक के Agenda के केंद्र में माना जा रहा है।
आज हरिद्वार के पथरी में शाहपुर के लोगों ने त्रिवेन्द्र के खिलाफ जुलूस निकाल के उनका पुतला फूंका। त्रिवेन्द्र ने किसी का नाम लिए बगैर कहा था कि शेर कभी भी कुत्तों का शिकार नहीं करते। उनके बयान को खनन सचिव और दलित समाज से आने वाले बृजेश संत के अवैध खनन न होने के दावे-अधिक राजस्व अर्जित होने संबंधी सरकारी व्यक्तव्य के सामने आने का तीखा जवाब समझा गया। ये मामला तब उछला जब त्रिवेन्द्र ने संसद के चालू सत्र में उत्तराखंड में अवैध खनन और खनन अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया था।
अब ये CM पुष्कर के काँधों पर है कि वह किस तरह एक और बैठे-बिठाए सिर पर आ गई मुसीबत को सुलटाते हैं। वह पहले ही अपने मंत्रियों-MLAs-MPs-संगठन के लोगों पर लग रहे आरोपों का सामना कर रहे हैं। PSD की बड़ी और अहम उपलब्धियों (UCC-धर्मांतरण कानून-नकल विरोधी कानून-National Games) की देश में चर्चा है लेकिन इसका फायदा उनको और BJP को उठाने का मौका इन वक्त-बेवक्त उठ रहे बवालों के चलते नहीं मिल पा रहा है।