
समय से पहले जन्मे 2 नवजात शिशुओं के आंखों की रोशनी बचाने में Graphic Era अस्पताल के विशेषज्ञों ने अपने पूरे हुनर का इस्तेमाल कर कामयाबी हासिल की।
रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरिटी आँखों की गंभीर समस्या है। समय से पहले पैदा हुए शिशुओं में ये अक्सर पाई जाती है। इसमें रेटिना की नसें पूरी तरह विकसित नहीं होती। इससे अंधेपन का खतरा रहता है। दोनों शिशुओं का जन्म महज 28 सप्ताह में हुआ था। उन्हें स्टेज 3, जोन 1 सेकेंडरी टॉप नोच (आरओपी) के रूप में Identify किया गया गया था।
इस नाजुक स्थिति में विट्रियोल रेटिना, युवीया और ROP विशेषज्ञ डॉ. अनिकेत राय ने नवजातों को इंट्रावितरियल Anti- VEGF इंजेक्शन दिए। इस ईलाज के जरिये शिशुओं की दृष्टि को बचाया गया। न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के जरिए उन्हें नया जीवन भी दिया। ग्राफिक एरा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने इस उपलब्धि के साथ नवजात नेत्र चिकित्सा क्षेत्र में नया आयाम हासिल किया।