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नई परंपरा::भराड़ीसैण में टोपी-मफलर डाल-ट्रैक सूट पहन सुबह-सुबह विकास कार्यों का जायजा लेने निकले CM पुष्कर:बिना Assembly Session गुजारी रात

लोगों से मिले-सरकार से उनकी उम्मीदों को पूछा-कार्यवाही का वादा किया

Chetan Gurung

ग्रे ट्रैक सूट पहन और गले में मफलर-सिर पर गर्म टोपी डाल CM पुष्कर सिंह धामी ने सुबह-सुबह आज भराड़ीसैण में विकास कार्यों का जायजा लिया.लोगों से मुलाकात कर उनसे सरकार से उनकी उम्मीदों को जाना.उनकी दिक्कतों-मांगों पर कार्यवाही का वादा किया.सरकार के मुखिया को इस अंदाज में देख लोग खुश दिखे.बिना Assembly Session के कोई CM पहली बार यहाँ रात को ठहरे हैं.उन्होंने Summer Capital को ही Land Act और पलायन आयोग की बैठक के लिए भी चुनना पसंद किया.

 

 

मुख्यमंत्री सुबह उठे और गैरसैंण के इस प्रमुख इलाके में चल रहे निर्माण और विकास कार्यों का बारीकी से निरीक्षण करने पहुँच गए.लोगों ने भी जब उनको इस तरह घुमते और अनौपचारिक अंदाज में देखा तो वे भी कौतुहल के साथ उनसे जा मिले.मुख्यमंत्री खुद भी कईयों के पास खुद गए.अपनत्व से मिल के उनसे बातें कीं.उनको बोला कि सरकार सड़क और वायु सेवा के जरिये गैरसैण और भराड़ीसैण के समग्र विकास के लिए निरंतर जुटी हुई है.

CM Pushkar Singh Dhami in Bhararisain

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PSD कल ही यहाँ पहुँच गए थे.उनके साथ आला अफसरों का अमला भी पहुंचा.जो बैठक देहरादून में हो सकती थी, उसको भी उन्होंने वहीँ ले के ये सन्देश लोगों को दिया कि सरकार इस क्षेत्र और गर्मियों की राजधानी के लिए सर्दियों में भी फ़िक्र करती रहेगी.भू-कानून और पलायन रोको आयोग की बैठक की अध्यक्षता बुधवार को की थी.उनके और आला नौकरशाहों की आमद ने इस छोटे से पहाड़ी इलाके भराड़ीसैण में रौनक बिखेर दी.
अब तक मुख्यमंत्रियों की आमद यहाँ बहुत मजबूरी में या फिर राष्ट्रीय-राजकीय पर्व-विधानसभा सत्र के दौरान ही हुआ करती रही है.पुष्कर ने बेमौसम में भी इस छोटे से पहाड़ी कसबे को राजकाज का प्रमुख केंद्र बना दिया.यहाँ के सरकारी दफ्तर गुलजार नजर आए.बुधवार को उच्चाधिकारियों और सेवानिवृत अधिकारियों के साथ प्रस्तावित भू कानून पर लंबा मंथन किया।

पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए गठित पलायन निवारण आयोग की बैठक की अध्यक्षता की.राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में प्रदेश के सभी हिस्सों से आईं महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रतिनिधियों और ग्रामीण उद्यमियों से मुलाकात की। उनके अनुभव और सुझावों को सुना।

 

 

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