Chetan Gurung
Graphic Era Medical College का पहला Session आज MBBS के पहले बैच के Foundation Course से हुई। ग्राफिक एरा समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने भावी डॉक्टरों को जिंदगी में कामयाबी पाने के गुर सिखाये। उनको नसीहत दी कि वे चुनौतियों से घबराने के बजाए उसको सफ़र के रोमांच के तौर पर लें.
सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेज के प्रथम सत्र की शुरुआत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुई। इसमें कई राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई दी.डॉ घनशाला ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना संबंधी नियमों में आखिरी दौर में हुए परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए कहा कि नई राह में अक्सर चुनौतियां आती हैं। इनसे घबराने के बजाए और मेहनत तथा लगन से मेहनत की जाए.जिंदगी में सफलताएं हासिल करने के लिए यह आवश्यक है।
डॉ घनशाला ने मेडिकल के छात्र-छात्राओं को डिजिटल मीडिया का उपयोग करने में बहुत सावधानी बरतने,Negative Thought वालों और Insecure प्रवृत्ति के लोगों से दूर रहने-Positive सोच वालों से जुड़ने की सलाह दी। Communication Gap न होने देने पर बल दिया.
उन्होंने बताया कि देश भर से आने वाले छात्र-छात्राओं के सुख और सुविधा के लिए वह खुद तीन दिन और रातों से लगातार मेडिकल कॉलेज में जागकर कार्य कर रहे थे। डॉ घनशाला ने एक गाना सुनाकर अपने बच्चों को हॉस्टल में छोड़कर जाने वाले अभिभावकों की मनोदशा का उल्लेख किया.Medical Students और उनके अभिभावकों ने यूनिवर्सिटी कैम्पस का भ्रमण भी कराया गया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में महक काकड़िया व साथियों के सुकृति ग्रुप ने सरस्वती वंदना, प्रज्ञा थपलियाल व साथियों के देवस्थली ग्रुप ने नृत्य नाटिका के रूप में सीता हरण व उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित प्रस्तुति देकर वाहवाही लूटी। जश्न ए वीरा ग्रुप के दक्ष चौधरी, प्रज्ञा कर्णवाल आदि ने भांगड़ा, स्वरागिनी बैंड के श्रीयांश नवानी, अमोघ भट्ट ने ग्रुप बैण्ड के जरिये अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा की धाक जमाई।
डॉ घनशाला ने बेहतरीन प्रस्तुतियों के लिए देवस्थली ग्रुप व जश्न ए वीरा को 51-51 हजार रुपये, स्वरागिनी बैण्ड को 31 हजार और सुकृति ग्रुप को 21 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया। कार्यक्रम का संचालन आदित्य अग्निहोत्री ने किया। नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देशों के अनुरूप फाउंडेशन कोर्स 14 दिन चलेगा। इसके आखिरी दिन कोट सरेमनी होगी।
MBBS Course के पहले बैच में उत्तराखंड, UP, नई दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, MP, कर्नाटक, असम, त्रिपुरा समेत 18 राज्यों के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।