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Big Breaking::Chief Secretary राधा रतूड़ी को फिर 6 महीने का Extension:31 मार्च-25 तक के लिए केंद्र ने पुष्कर सरकार के प्रस्ताव को किया मंजूर:ACS आनंदबर्द्धन का इंतजार बढ़ा

पहली महिला CS को मिला उनकी सहजता-स्वाभाविकता का ईनाम

Chetan Gurung

उम्मीदों के मुताबिक और ACS आनंदबर्द्धन के इंतजार को और लम्बा कराते हुए केंद्र सरकार ने पुष्कर सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए Chief Secretary राधा रतूड़ी को 6 महीने का एक और Extension दे दिया.उत्तराखंड की पहली महिला CS को 1 October से ले के 31 March तक का सेवा विस्तार मिला है.CM पुष्कर सिंह धामी ने सहजता और सरकार की छवि-प्रतिष्ठा को होने वाले फायदे के मुताबिक अपनी पसंदीदा और लोकप्रिय राधा को 30 सितम्बर को Retire करने के बजाए अभी सेवा में बनाए रखने का फैसला किया.

CM Pushkar Singh Dhami-CS राधा रतूड़ी पर विश्वास कायम


ACS आनंदबर्द्धन-CS बनने का इंतजार लम्बा हुआ

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राधा को ऐसी मुख्य सचिव के तौर पर पहचान मिली है, जो न सिर्फ जन प्रतिनिधियों और मंत्रियों को बल्कि आम लोगों और अपने मातहत नौकरशाहों को भी पूरा सम्मान और महत्त्व देना पसंद करती हैं.उनके साथ कोई भी शख्स सहज भाव में अपनी बात और परेशानी रख सकता है.मुख्यमंत्री पुष्कर को आक्रामक और जल्दी नतीजे तलब करने वाले की छवि हासिल है तो राधा की प्रतिष्ठा सरल स्वभाव के साथ अफसरों से काम लेने में यकीन रख कर संतुलन कायम करने की है.DGP अभिनव कुमार भी सख्त और आक्रामक अंदाज के हैं.CM को ऐसे में RR की सेवा की और दरकार अभी नजर आई.

साल-1988 Batch की IAS राधा को शुरूआती दौर में अभाग्यशाली इस लिए समझा जा रहा था कि All India Civil Service Gradation List में Top-10 में होने के बावजूद वह CS बनने की होड़ में डॉ सुखबीर सिंह संधू (आजकल केन्द्रीय चुनाव आयुक्त) से दो बार पिछड़ गई थीं.डॉ सुखबीर ने पहले CS बनने का श्रेय हासिल किया.फिर 6 महीने का Extension भी ले गए.राधा का मुख्य सचिव बन पाना तब नामुमकिन लगने लगा था.इसकी दो वजह थी.1-अगर डॉ संधू को दूसरी बार सेवा विस्तार न भी मिलता तब भी उनकी उनकी खुद की नौकरी 2 महीने की रह जाती.इतनी कम बची हुई सेवा के साथ किसी को CS बनाने की सम्भावना बेहद कमजोर होती है.2-लोकसभा चुनाव सिर पर आ जाते.ऐसे हालात में समझा जा रहा था कि राज्य सरकार डा.संधू की जगह एकदम नई राधा को CS लाने का जोखिम न लें.

अंदरखाने की खबर ये भी थी कि जिस दिन डॉ सुखबीर को 6 महीने का सेवा विस्तार दिया गया था उसी दिन CM PSD ने ये भी तय कर दिया था कि राधा को 2 महीने बचे होने के बावजूद वह राज्य की पहली महिला CS जरूर बनाएंगे.फिर उनको 6 महीने का सेवा विस्तार भी देंगे.www.chetangurungg.in ने ये खबर ब्रेक भी की थी.राधा को एक और Extension दिया जाना भी कई दिन पहले तय हो गया था.ये तय हो गया था कि अभी 1992 Batch के और उत्तराखंड के Number-2 नौकरशाह आनंदबर्द्धन को मुख्य सचिव बनने के लिए कम से कम 3 से 6 महीने का इंतजार करना होगा.

आम तौर पर मुख्य सचिव को पहली बार-बार सेवा विस्तार देने की परंपरा नहीं हुआ करती थी.केंद्र की मोदी सरकार ने इस लीक को ही ख़त्म कर दिया है.वह अपने पसंदीदा या काबिल समझे जाने वाले नौकरशाहों को सेवा विस्तार बार-बार देने से बिल्कुल नहीं हिचकती है.UP के पिछले CS दुर्गाशंकर और ED Chief समेत तमाम को बार-बार सेवा विस्तार ने इस पर ठप्पा लगाया है.कोई अचम्भा नहीं होगा अगर मुख्यमंत्री को राधा की जरूरत फिर महसूस होती है तो वह केंद्र को तीसरी बार सेवा विस्तार के लिए गुजारिश करें और उस पर मुहर भी लग जाए.आनंदबर्द्धन को भी जल्दी नहीं है.उनके पास अभी 3 साल का वक्फा बचा है.

एक पहलू ये भी साफ़ हुआ कि उत्तराखंड में नरम और उदार किस्म के नौकरशाहों को अधिक पसंद किया जाता है.नृप सिंह नपलच्याल और सुभाष कुमार इसकी मिसाल हैं.नपलच्याल को Retirement सिर पर होने के बावजूद निशंक सरकार ने CS बनाया था.फिर सेवा विस्तार दे दिया था.सुभाष कुमार को 2 बार CS बनने का श्रेय हासिल हुआ था.उनको सेवा विस्तार भी मिला था.इसके उलट आलोक कुमार जैन सरीखे खरे-काम के मामले में कठोर CS को एक साल में ही कुर्सी से हटा दिया था.तब विजय बहुगुणा CM हुआ करते थे.

सख्त मिजाज M रामचंद्रन के बाद CS बने सुरजीत किशोर दास (दिवंगत) को सेवा विस्तार तो नहीं मिला लेकिन वह लम्बे समय तक लगातार ओहदे पर रहे.ये बात दीगर है कि BC खंडूड़ी के CM रहने के दौरान उनके सचिव प्रभात कुमार सारंगी की दुदुंभी बोला करती थी.मुख्य सचिव के तौर पर सुरजीत की ताकत बहुत कम रह गई थी.उन्होंने VRS ले के CS बने रहने के बजाए UKPSC Chairman बनने को तरजीह दी.CS रहते VRS (अब दिवंगत) डॉ रघुनन्दन सिंह टोलिया ने भी लिया था.उन्होंने इसके बजाए राज्य का पहला Chief Information Commissioner बनना पसंद किया था.वह भी Hard Task Master समझे जाते थे.तब ND तिवारी CM हुआ करते थे.

 

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