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मुद्दे की बात!!CM पुष्कर से अभयदान!SJA को अरबों की जमीन की वापसी! स्कूल भी खुद को बदलेगा?एक Brother के भी किस्से कम मशहूर नहीं:Admission में Parents पर दबाव-Donation के चलन पर सख्ती से रोक लगेगी?

शहर को Parking के महा संकट से उबारने के लिए सरकार को भी जमीन की तलाश:लीज Renewal पर शर्तें-प्रतिबन्ध भी तय करेगी सरकार!स्कूल के Support में खूब लोग हैं लेकिन असल मुद्दों पर खामोश!

ChetanGurung

शहर के नामचीन Minority प्रबंधन संचालित St. Joseph’s Academy को CM पुष्कर सिंह धामी ने उसके कब्जे की अरबों रूपये कीमत की सरकारी जमीन स्कूल में पढ़ रहे बच्चों और उनके खेलने की खातिर वापिस दिलवा दी.मुख्यमंत्री के इस कदम ने स्कूल को सुकून की सांस लेने का मौका मिल गया लेकिन अब सरकार के पास भी ये मौका है कि वह स्कूल प्रबंधन को सामाजिक सरोकारों से वास्ता रखने के लिए बाध्य करें.स्कूल की मोटी फीस से ज्यादा ऐतराज लोगों को Admission के दौरान के Under the Table खेल से होता रहा है.स्कूल के समर्थन में लोग खूब आ रहे लेकिन असल मुद्दों पर भी उनको SJA प्रबंधन के गलत-तुगलकी फैसलों पर वे जुबान सिले रहे हैं.

CM Pushkar Singh Dhami-बच्चों की खातिर जमीन SJA को वापिस कराई

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एक Brother (Principal को यही बोला जाता है यहाँ) को ले के किस्सा मशहूर रहा था कि उसने तकरीबन एक करोड़ रूपये कुछ ही साल में नगद जमा कर लिए थे.मामले की Report तब एक The Mid Day Activist (Evening Daily) में छपते ही उस भाई को चंद घंटों में स्कूल छोड़ने के आदेश हो गए थे.अंदरखाने की खबर और उस अख़बार के मुताबिक Brother की शिकायत प्रबंधन तक जा पहुंची थी.उसने दिल्ली से छापामार दस्ता भेजा.इस दस्ते के हाथ किचन में छिपा के रखे नोटों के चट्टे लगे थे.

ये बात साल-2014 या 15 की है.उस Brother और एक अन्य Brother को ले के शहर में खूब हल्ला मचा रहा था कि एक निजी अस्पताल के मालिक Doctor के साथ उनकी जुगलबंदी तगड़ी है.कोई भी Admission उस डॉक्टर के ईशारे पर हो जाता है.स्कूल के बच्चों से भवन निर्माण के लिए चंदे की रसीदें थमा के पैसे इकट्ठे करने की मिसाल भी 1995 में सामने आई थी.Parents को ये सब बेहद नागवार गुजरा था.उस वक्त Amar Ujala Daily में इसकी खबर छपी थी तो स्कूल प्रबंधन तत्काल Back Foot पर आ गया था.

अवैध निर्माण को ले के स्कूल सुर्ख़ियों में रह चुका है.पुलिस में इसकी रिपोर्ट भी तकरीबन 3 दशक पहले हुई थी.जैसे-तैसे स्कूल ने ये मामला सुलटाया था.स्कूल की प्रतिष्ठा अगर बड़े नामों के उसके यहाँ पढ़ने को ले के है तो उसके प्रबंधन के रवैये को ले के भी ढेरों सवाल उठते रहे हैं.एक बार राज्य के तीसरे मुख्य सचिव (अब दिवंगत) डॉ रघुनन्दन सिंह टोलिया से किसी खासमखास ने SJA में प्रवेश दिलाने की गुजारिश की थी.

CS ने अपने PS से Brother को फोन लगाने के लिए कहा.2 बार फोन मिलाने पर भी CS से बात करने के लिए Brother Line पर आने के बजाए ये पुछवाते रहे कि पहले वजह बताएं कि CS क्यों बात करना चाहते हैं.बामुश्किल बात हुई तो उस Brother ने उल्टे CS से PS के रुख को ले के शिकायत कर दी थी कि उसने उनके साथ असभ्यता के साथ बात की.PS ने उस Brother को सिर्फ मुख्य सचिव के ओहदे और गरिमा की अहमियत बताने के साथ बार-बार फोन मिलाने के बावजूद बात न करने पर वाजिब नाराजगी जताई थी.

अल्पसंख्यक स्कूल होने के नाते SJA को RTE में बच्चे न लेने की छूट है.ये भी सच है कि इस स्कूल में बच्चों को प्रवेश दिलाने के दौरान माता-पिता, जिनमें बड़े नौकरशाह-कारोबारी-राजनेता भी शुमार होते हैं, को प्रबंधन तिगनी का नाच नचाने से बाज नहीं आता है.UP के विभाजन से पहले सम्बंधित आराघर पुलिस चौकी के In-charge तक प्रवेश कराने में कभी-कभी सफल हो जाते थे.आज आलम ये है कि DM-Commissioner-सचिव तक प्रवेश दिलाने का दावा नहीं कर सकते हैं.

ऐसा नहीं है कि आम लोगों के बच्चे यहाँ नहीं पढ़ते हैं लेकिन हकीकत ये है कि उनको प्रवेश दिलाने के लिए एड़ियाँ घिसनी पड़ती हैं.ऐसा तब है जब स्कूल जिस भूखंड को ले के दंभ भरता है कि शहर के बीचों-बीच इतनी बड़ी खेल सुविधाओं से सज्जित वह अकेला स्कूल है, और वह जमीन सरकार की है.जो उसको लीज पर मिली है.Free Hold नहीं हुई है.सचिव R मीनाक्षी सुन्दरम ने लीज को ले के सख्त रुख अपना लिया था.उन्होंने शहर की Parking समस्या दूर करने के लिए इस स्कूल को दी गई जमीन वापिस लेने का आदेश कर दिया था.

इससे प्रबंधन में खलबली मच गई.स्कूल के Old students और कुछ लोगों ने स्कूल प्रबंधन के उनके पास दौड़-धूप करने आने के बाद CM पुष्कर तक मामले को पहुँचाया.मुख्यमंत्री ने स्कूल के बच्चों को खेलने की सुविधा देने के लिए मैदान और जमीन फिर लौटा देने का आदेश दिया.सरकार के पास अब मौका है कि स्कूल में पढ़ाई के साथ चल रहे धंधों-कारोबारों पर शर्तों के साथ अंकुश लगाएं.स्कूल में Cricket-Tennis और अन्य खेलों की Academy चल रहीं.गरीब और प्रतिभावान बच्चों के लिए सीट रिज़र्व कराएं.

जो जमीन 40-50 करोड़ रूपये बीघे से कम न हो, और अरबों का मूल्य रखती हो, उसको देने के बदले सरकार की शर्ते मानना स्कूल के लिए फिर भी बेहद सस्ता सौदा होगा.CM की हिदायत के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी कर स्कूल को नियमानुसार फिर लीज नवीनीकरण करने के आदेश जारी किए.ये भी देखना होगा कि अपनी कुव्वत से खड़े Summer Valley School की Junior Wing समझी जाने वाली बलबीर रोड से सटी Sun Valley की मान्यता महज RTE में पर्याप्त बच्चे भर्ती न करने पर समाप्त करने का बड़ा फैसला शिक्षा विभाग ने ले लिया था.वह भी तब जब वह अल्पसंख्यक स्कूल के दर्जे वाली शर्तें पूरी करता है. इसके लिए आवेदन पर फैसला सरकार में ही लटका हुआ था.RTE के दायरे से बाहर होने के बावजूद वह गरीब बच्चों के प्रवेश काफी संख्या में ले रहा था.

शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की कोशिशों और आदेश से स्कूल बामुश्किल मान्यता बचा पाया.उसके पास जमीन भी सभी अपनी है.SJA की तरह सरकारी नहीं.अलग-अलग स्कूलों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते हैं.सरकार के पास बेहतरीन मौका है कि कमजोर तबके के प्रतिभावान बच्चों को भी मुफ्त या कम फीस पर या फिर बिना उनकी पारिवारिक पृष्ठ भूमि जांचे-परखे उनको प्रवेश देने के लिए SJA को शर्तों-प्रतिबंधों से बांधे.स्कूल को ये याद जरूर रखना चाहिए कि मुख्यमंत्री पुष्कर न चाहते तो उसकी अरबों की जमीन वापिस सरकार के पास चली जाती.उसके बाद भले वह अदालतों में धक्के खाती.

 

 

 

 

 

 

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