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NITI आयोग में CM पुष्कर फिर बने हिमालयी राज्यों की आवाज:Specialised Policy बनाने की मजबूत पैरवी:कहा,`25 मेगावाट से कम क्षमता वाले Hydro Power Projects को मंजूरी देने का मिले हक़’

लघु जल विद्युत परियोजनाओं में 24 फ़ीसदी Subsidy का प्रस्ताव NE की तरह हिमालयी राज्यों में भी हो लागू:`PM कृषि सिंचाई योजना’ की में Lift Irrigation शामिल हों

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में PM नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित NITI आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के हक़ में पुरजोर आवाज उठाते हुए इनके लिए विशिष्ट नीति अलग से बनाने और पूर्वोत्तर राज्यों (NE) की तरह इन राज्यों में भी लघु जल विद्युत परियोजना में 24 फ़ीसदी की subsidy देने की की मांग की.उन्होंने 25 मेगावाट से कम क्षमता वाली Hydro Power Projects को मंजूरी देने का हक़ भी देने की मांग उठाई.उन्होंने कहा कि विकसित भारत@2047 पर उत्तराखण्ड लगातार डट के काम करते हुए PM की सोच को साकार कर रहा है.

NITI आयोग बैठक के बाद फोटो सेशन के दौरान PM मोदी और HM अमित शाह के साथ मध्य में CM पुष्कर सिंह धामी

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PM Narendra Modi addressing the NITI Ayog meeting

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मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के लिए केन्द्रीय आपदा मद में विशेष वित्तीय प्राविधान किए जाने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है.प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक को उत्तराखण्ड में पारित किया गया है।

उन्होंने शहरों में पेयजल के गंभीर संकट को दूर करने के लिए भू-जल स्तर बढ़ाने के साथ ही जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया गया है. जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर सरकार कार्य कर रही है। इसके लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकी सहयोग दिया जाए.

PSD ने कहा कि विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है.इसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाए. ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने का हक़ दिया जाए. लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों की तरह हिमालयी राज्यों में भी लागू किया जाए। ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाईमेट चेंज पर उत्तराखण्ड काम कर रहा है.ईकोलॉजी और ईकॉनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में GDP की तर्ज पर GEP जारी करने की शुरूआत की गई है। रोजगार सृजन बड़े शहरों में अधिक होने के कारण अत्यधिक जनसंख्या का दबाव मूलभूत सुविधाएं देने में दिक्कत पड़ा करता है. इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच ‘काउंटर मैग्नेट एरियाज’ विकसित करने होंगे। वर्ष-2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए AI रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देना होगा।

CM ने कहा कि पिछले वर्ष भी नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गए थे. उनमें विशिष्ट नीतियां बनाने का अनुरोध किया गया था। उन पर गंभीरतापूर्वक गौर किया जाए.

 

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