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सुकून वाली खबर::बड़े ईलाज की जरूरत है!Graphic Era है न! कोरोना या कोई महामारी फिर आई तो नहीं होगा संकट!अस्पताल में आधुनिक ईलाज-हर Bed के साथ ऑक्सीजन सुविधा:Medical College में AI-Data Science से जुड़ेगा ईलाज:Air Ambulance सेवा की भी तैयारी पूरी

Super specialists Doctors के पेशेवर रुख के साथ मानवीय संवेदनाओं को तरजीह-डॉ कमल घनशाला

Chetan Gurung

कोरोना या अन्य कोई महामारी फिर कभी आई तो अब न बेहतर ईलाज और Bed का संकट होगा.Graphic Era Medical College अस्पताल में न Bed की कमी होगी न ही ऑक्सीजन सिलेंडर की.AI और Data Science से ईलाज को जोड़ा जाएगा.Graphic Era Group of Institutions के Chairman डॉ कमल घनशाला ने कहा कि अस्पताल में Air Ambulance सुविधा की पूरी तैयारी है और हर Bed को ऑक्सीजन सुविधा से जोड़ दिया गया है.कॉलेज परिसर में ही ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया जाएगा.

GEGI Chief Dr Kamal Ghanshala during the Press conference in Dehradun

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डॉ कमल घनशाला ने कहा कि देश-विदेश की नई तकनीकों और सुपर स्पेशलिस्ट की सेवाएं और बढ़ाई जाएंगी.अस्पताल दिखने में भले Corporate संस्कृति की झलक देता है लेकिन सेवा और ईलाज में सिर्फ श्रेष्ठ अस्पताल के भूमिका निभाएगा. ग्राफिक एरा अस्पताल को MBBS की 150 सीटों के साथ मेडिकल कालेज की मान्यता मिलने के बाद चेयरमैन डॉ कमल ने आज पत्रकारों से बातचीत की और भावी योजनाओं पर ही रोशनी डाली.

उन्होंने कहा कि National Medical Commission के पहले Inspection में ही ग्राफिक एरा अस्पताल (ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेज) को सभी मानकों पर खरा पाते हुए वर्ष 2024-25 के MBBS कोर्स के लिए स्वीकृति दी गई है। ग्राफिक एरा अस्पताल में दुनिया की नई तकनीकों और अनुभवी विशेषज्ञों के चलते हर किस्म के जटिल रोगों के इलाज और दुर्लभ आपरेशनों के जरिये  लोगों की जीवन रक्षा की हो सकेगी.दिल्ली के एक बड़े अस्पताल ने South Africa से ब्रेन हैमरेज से पीड़ित बच्ची के ईलाज को ये कहते हुए करने से मना कर दिया कि वह बच नहीं सकता.उसको Graphic Era लाया गया.

GEGI प्रमुख ने कहा कि यहाँ ईलाज के बाद वह बच्ची एकदम ठीक हो गई है.900 ग्राम वजन वाले शिशु को भी बचाया गया.यहां वे आपरेशन भी हो रहे हैं, जो पहले उत्तराखंड में नहीं होते थे। अत्याधुनिक कैथ लैब, थ्री टेसला MRI, 128 स्लाइस के सीटी स्कैन की सुविधा भी है. अस्पताल में प्रोफेशनलिज्म के साथ अपनेपन के अहसास को जोड़ा गया है। डॉ घनशाला ने बताया कि पिछले चार वर्षों से देश के सर्वश्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों में जगह पाने वाली ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में देश भर में 55 वीं रैंक दी थी। इसी के एक अंग के रूप में स्थापित ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेज को भी टॉप पर ले जाने के संकल्प पर कार्य हो रहा है।

डीम्ड यूनिवर्सिटी सीधे केंद्र के नियंत्रण में होने के कारण ग्राफिक एरा के मेडिकल कॉलेज में MBBS  की सीटों का आवंटन सेंट्रल काउंसलिंग के जरिये केंद्र सरकार की मेडिकल काउंसलिंग कमेटी करेगी।भीमताल में आयुष चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराने के साथ ही 200 Bed का अस्पताल बनाया जाएगा। मेडिकल कालेज पहुंचने पर चेयरमैन और वाइस चेयरपर्सन राखी घनशाला का डॉक्टरों, अधिकारियों और फैकल्टी ने फूलों की बारिश से शानदार इस्तकबाल किया। डॉ कमल-राखी ने विशाल केक भी काटा। डॉ कमल घनशाला ने मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी और अस्पताल के चिकित्सकों के संयुक्त सम्मेलन में चिकित्सा सेवा में संवेदनाओं और मानवीय गुणों के समावेश पर जोर दिया।

इस अवसर पर ग्राफिक एरा एजुकेशनल सोसायटी के डॉ सतीश घनशाला, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ नितिन बंसल, निदेशक डॉ पुनीत त्यागी, प्रोफेसर डॉ कृष्णा प्रसाद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ अमित वर्मा, सलाहकार डॉ कमलेश कोहली, निदेशक अवस्थापना डॉ सुभाष गुप्ता, डॉ अनुपम अग्रवाल और अन्य ओहदेदार मौजूद थे।

कॉलेज के Director डॉ त्यागी ने बताया कि अस्पताल में छोटे बच्चों को पेस मेकर लगाने, दिल के छेद का उपचार, नई तकनीक से हार्ट के वाल्व बदलने, जापान की तकनीक पोयम के जरिये 25 से अधिक लोगों की अवरुद्ध आहार नली खोलने, आहार नली के कैंसर का बिना चीरा लगाये उपचार करने के कई सफल केस सामने आ चुके हैं.अस्पताल में कुछ ही माह में 40 बच्चों के दिल के छेद और हार्ट का वाल्व खराब होने के ऑपरेशन राष्ट्रीय बाल सुरक्षा योजना के तहत किए जा चुके हैं। बाई पास सर्जरी और विभिन्न ऐसे जटिल ऑपरेशन हो रहे हैं, जिनके लिए लोगों को पहले दिल्ली या दूसरे स्थानों पर जाना पड़ता था। हाल ही में देहरादून के 60 वर्षीय शख्स का आहार नली के कैंसर की पुष्टि होने पर थोरेकोस्कोपिक तकनीक से बिना चीरा लगाये उपचार किया गया। नई टेक्नोलॉजी के जरिये इस जटिल ईलाज को अंजाम दिया गया. ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों की इस टीम में डॉ सचिन अरोड़ा, डॉ दयाशंकर राजगोपालन और डॉ कुलदीप सिंह यादव शामिल थे।

 

 

 

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