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President द्रौपदी का उत्तराखंड Silver Jubilee पर Assembly Address-`25 सालों में उत्तराखंड ने पाई बड़ी कामयाबी’:MLAs अवाम-सरकार के बीच की अहम कड़ी:बोले CM PSD,`सशक्त-समृद्ध-आत्मनिर्भर होगा उत्तराखंड’

Chetan Gurung

President of India द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को उत्तराखंड राज्य की स्थापना के Silver Jubilee पर उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में कहा कि 25 सालों के सफर में देवभूमि के लोगों ने विकास के प्रभावशाली लक्ष्य हासिल करने में सफलता पाई। पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य-सेवा और शिक्षा के क्षेत्रों में राज्य की Progress उल्लेखनीय है। Digital-Physical Connectivity तथा Infrastructure Development भी बहुत बढ़ा है। विशेष सत्र में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री सफ़ेद धोती-कुर्ता-आधी बांह की जैकेट और काली उत्तरखंडी टोपी पहन के आए थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि विकास के बल पर राज्य में मानव विकास सूचकांक के मानकों पर सुधार हुआ है। साक्षरता दर,महिलाओं की शिक्षा में विस्तार हुआ है। मातृ एवं शिशु-मृत्यु दर में कमी आई है.स्वास्थ्य-सेवाओं को सुलभ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऋतु खंडूरी भूषण राज्य की पहली महिला विधान सभा अध्यक्ष नियुक्त हुईं। वह विधान सभा में महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होते देखना चाहेंगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड से अध्यात्म और शौर्य की परम्पराएं प्रवाहित होती रही हैं। कुमांऊ रेजीमेंट और गढ़वाल रेजीमेंट के नाम से ही यहां की शौर्य परंपरा का परिचय मिलता है। उत्तराखंड विधानसभा ने समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक लागू कर दिया है। उत्तराखंड विधान सभा में उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था विधेयक तथा नकल विरोधी विधेयक समेत 550 विधेयक पास हुए।

उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि जनता के प्रति निरंतर उत्तरदाई बने रहना संसदीय प्रणाली की शक्ति भी है और चुनौती भी। जनता और शासन के बीच विधायक सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक विधायक के रूप उन्हें भी 9 वर्ष जन-सेवा का अवसर मिला। वह कह सकती हैं कि विधायक सेवा-भाव से निरंतर जनता के लिए सक्रिय रहेंगे तो जनता और जन-प्रतिनिधि के बीच विश्वास का बंधन अटूट बना रहेगा।

President द्रौपदी ने कहा कि विकास तथा जन-कल्याण के लिए दलगत भावना से उठ के सभी को कार्य करना चाहिए। सबको समाज के वंचित वर्गों के कल्याण एवं विकास पर विशेष संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने खुशी प्रकट की कि उत्तराखंड विधान सभा में इस वर्ष राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन की व्यवस्था Introduce हुई है। इसके जरिये सभी विधायक, संसद तथा अन्य विधान-सभाओं एवं विधान परिषदों के Best Practice को अपना सकते हैं।

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड में कुदरत की खूबसूरती को संरक्षित करते हुए विकास के मार्ग पर आगे चलना चाहिए। उत्तराखंड की 25 वर्ष की विकास-यात्रा विधायकों के योगदान से ही संभव हो पाई है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (vet) ने प्रदेश की 25 वर्ष के कालखण्ड को उत्तराखण्ड के आर्थिक समृद्धि, सुशासन, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और आधारभूत संरचना निर्माण का स्वर्णिम दौर करार देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

CM पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत भाषण में खुशी जताई कि उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजतोत्सव पर आयोजित इस विशेष सत्र में राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।  राष्ट्रपति द्रौपदी ने निजी जीवन में अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए भी हमेशा राष्ट्र सर्वोपरि  की भावना से कार्य करते हुए समाज जीवन में अपना योगदान दिया। यह दूसरा मौका है जब उत्तराखंड की विधानसभा में राष्ट्रपति का अभिभाषण हो रहा है। 18 मई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी ने विधानसभा को संबोधित किया था।

CM PSD ने कहा कि देश की प्रथम नागरिक के रूप में राष्ट्रपति का उत्तराखंड की विधानसभा में दिया जाने वाला ऐतिहासिक अभिभाषण हमारे राज्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा। उनके प्रेरणादायी शब्द आने वाले 25 वर्षों तक उत्तराखंड की प्रगति के लिए हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। उत्तराखंड 9 नवंबर को अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर प्रत्येक उत्तराखंडवासी के लिए आत्मगौरव का और अत्यंत भावनात्मक क्षण भी है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य उन असंख्य माताओं, बहनों, युवाओं और जननायकों के अदम्य साहस और संघर्ष का प्रतीक है, जिनके तप, त्याग और बलिदान के बल पर ये गौरवशाली राज्य अस्तित्व में आया। मुख्यमंत्री ने सभी ज्ञात-अज्ञात राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि अमर आंदोलनकारियों के बलिदान को उत्तराखंड कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने यकीन जताया कि राष्ट्रपति के आशीर्वाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और उत्तराखंड की अवाम के सहयोग से उत्तराखंड सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित होगा।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी ने राष्ट्रपति के विशेष सत्र को संबोधित किए जाने को विधानसभा के लिए गर्व का क्षण करार दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति के अजात शत्रु स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के निर्णय से नवंबर 2000 में अस्तित्व में आने के बाद उत्तराखंड विधानसभा की पहली बैठक 12 जनवरी 2001 के दिन आयोजित की गई। उत्तराखंड राज्य निर्माण में मातृशक्ति ने अहम भूमिका निभाई है।

ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि जनभावना के अनुरूप भराडीसैंण-गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है। उत्तराखंड विधानसभा ने Green Initiative के तहत अब पेपरलेस विधायिका की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखंड सभी मानकों में विशिष्ट प्रदेश है। इसकी सीमाएं तिब्बत और नेपाल से मिलती हैं। ये हिमालयी राज्य देश की रक्षा में अडिग खड़ा है। प्रकृति ने इस राज्य को परोपकारी हिमालय से निकलने वाली सदानीरा नदियां दी है।

 

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