
Chetan Gurung
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षकों और शोधकर्ताओं को बताया गया कि शिक्षा, शोध, संचार, ऑनलाइन लर्निंग और व्यावसायिक कौशल को किस तरह अधिक विकसित और बेहतर कर सकते हैं। Body Language की पेशेवर जिंदगी के साथ ही निजी जीवन में भी अहम भूमिका पर Focus रखा गया।
तीन दिवसीय प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम ’उन्नयन’ में ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के पर्सनैलिटी डेवलपमेंट विभाग की अध्यक्ष डा. साक्षी गुप्ता ने कहा की प्रभावी संवाद केवल शब्दों से नहीं, बल्कि हाव-भाव, शारीरिक मुद्राओं और अभिव्यक्तियों से भी होता है। चेहरे की अभिव्यक्ति, हाथों की हरकतें और बॉडी पोस्टचर जैसी छोटी-छोटी बातें किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व पर गहरा असर डालती हैं।
डा. गुप्ता ने जोर देकर कहा कि ये गैर-मौखिक संकेत निजी जीवन में भी सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अपनी सॉफ्ट स्किल्स और संवाद क्षमता पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को केवल शैक्षणिक ज्ञान तक सीमित न रखकर, उनके व्यावहारिक, संवादात्मक और पेशेवर कौशल का विकास करना था।
विभिन्न सत्रों के माध्यम से नई शिक्षा नीति की समझ, सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा, रिसर्च और क्लासरूम मैनेजमेंट से लेकर डिजिटल युग की चुनौतियों, ऑनलाइन लर्निंग और गैर-मौखिक संचार से जुड़े पहलुओं से रूबरू कराया गया। कार्यक्रम का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (एचआरडीसी) ने किया।
कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डा. नरेश कुमार शर्मा, एचआरडीसी हेड डा. भारती शर्मा, यूनिवर्सिटी के स्वयं कोऑर्डिनेटर डा. संजीव कुमार, डा. गोपाल कृष्ण द्विवेदी समेत अन्य शिक्षा-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।