Biggest Breaking News:::UKSSSC Paper लीक-नकल!!CM पुष्कर ने खुद Students-Youth के धरने पर पहुँच किया ऐलान,`CBI जांच होगी:SIT जांच तक इंतजार करें:’सभी छात्र-छात्रों पर दर्ज मुकदमे स्वतः खत्म:बॉबी-समर्थकों ने भी जम के बजाई तालियाँ:धरना स्थगित:सियासी तौर पर PSD का जबर्दस्त-Smart Master Stroke:अंदर-बाहर के ख्वाहिशमंदों को तगड़ा धक्का:बॉबी ने कहा,`छात्रों के बीच आ के CM ने दिखाया बड़प्पन’:SIT-आयोग-Justice ध्यानी की Report पर निरस्त होगी परीक्षा

Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी आज अचानक ही UKSSSC Paper Leak-नकल मामले में Parade Ground के करीब धरना दे रहे Students-युवाओं (उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा-उत्तराखंड बेरोजगार संघ) के बीच जा पहुंचे और Special Investigation Team की जांच के बाद CBI जांच की भी सिफ़ारिश करने का ऐलान किया। आंदोलन में शामिल छात्र-छात्राओं पर दर्ज मुकदमों को वापिस लेने और आयोग-SIT-Justice UC ध्यानी समिति की रिपोर्ट के बिना पर स्नातक स्तरीय विवादित परीक्षा को रद्द करने का वादा भी किया। आंदोलन के अगुवा बॉबी पँवार ने ऐलान किया कि CM ओहदे की प्रतिष्ठा का लिहाज करते हुए धरने को स्थगित किया जाता है। करना भी चाहिए। इसके साथ ही Congress समेत तमाम विपक्षी दलों की उम्मीदों का परवाना आज बुझ गया। खास पहलू ये रहा कि आंदोलन की मशाल को लगातार तेज कर रहे और पुष्कर सरकार को लगातार 8 दिनों से कोस रहे युवा क्रांतिकारी-आंदोलनकारी बॉबी पँवार और उनके समर्थकों के विशाल जत्थे ने ही खुद मुख्यमंत्री के ऐलानों पर जम के तालियाँ पीटीं। धरनास्थल पर उनके आने को बहुत बड़ा और हिम्मती कदम-बड़प्पन करार दिया। सियासी कोण तलाशने वाले कह सकते हैं कि CM PSD ने एक पंथ दो काज कर लिया या फिर आम के आम गुठलियों के दाम कर लिए। माने कि युवाओं-छात्रों के गुस्से को शांत कर दिया और सियासी ख्वाहिशमंदों को तगड़ा झटका दे के Leadership Quality और Top Maturity का प्रदर्शन किया।
धरना स्थल पहुँच के CM पुष्कर ने सभी को चौंका दिया और फिर दो-टूक साफ लफ्जों में अपने दिल की और सरकार की बातें कहते हुए SIT जांच के बाद CBI जांच की सिफ़ारिश करने और इस जांच-Justice (Ret) UC ध्यानी और UKSSSC की Report के आधार पर स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द करने का भी ऐलान किया। उन्होंने अपनी बातों और खरे-खरे लफ्जों से आंदोलनकारियों में अधिकांश को संतुष्ट कर डाला।
PSD ने कहा,`मैं भी आपके साथ धरने पर आया हूँ। हम सभी मिल के राज्य की भर्ती प्रक्रिया को सबसे अच्छा करेंगे। अमृत काल में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए PM नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार-युवा और सभी मिल के काम करेंगे’। उन्होंने आंदोलनकारियों को स्नेह-प्रेम से समझाया कि भारत के विकास में बड़ा योगदान युवाओं-छात्रों का है। उनको हल्के-फुल्के अंदाज में मुस्कुराते हुए विजय दशमी सप्तमी-अष्टमी के इस बार की गफलत को भी समझा आए।
मुख्यमंत्री ने खुद को युवाओं के साथ जोड़ने में गज़ब का हुनर दिखाते हुए कहा कि इतनी गर्मी में धरने पर बैठन वाकई बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि मैंने भी छात्र-छात्राओं के बीच काम किया है। हम सभी का परिवेश एक ही है। अधिकांश को पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरियों में जाना होता है। उसी के इम्तिहान पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो जाए तो हम सभी के लिए ये बड़ी सोच का बड़ा विषय है। देवभूमि में फौज में जाने की संस्कृति-परंपरा का जिक्र भी करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हरेक परिवार से कोई न कोई फौज में है। हर पांचवा सैनिक उत्तराखंड का है।
CM ने कहा कि नकल-पेपर लीक की जांच की निगरानी के लिए Justice ध्यानी की समिति सरकार ने गठित की लेकिन आप सभी के बीच से CBI जांच की मांग आ रही थी। मैं परेशान इसलिए अधिक था कि गर्मी बहुत हो रही थी। धरने पर छात्र-युवा अकेले नहीं हैं। वह खुद को भी इसमें शरीक करते हैं। ये सब वह भाषण के लिए नहीं बोल रहे। ऐसा होता तो ये बातचीत उनके दफ्तर में भी हो सकती थी। वह लेकिन युवाओं-Students के बीच आना चाहते थे। इसलिए धरना स्थल पर आए। उनके कार्यकाल में 4 सालों के भीतर 25 हजार भर्तियाँ हुईं। सभी सफल-बेदाग रहीं।
उन्होंने कहा कि युवाओं ने UKSSSC की हालिया इम्तिहान में नकल की CBI से जांच की मांग की। किसी के मन में कोई संदेह न रहे,इसलिए वह CBI जांच की संस्तुति कर रहे हैं। अभी SIT जांच कर रही है। ये जांच खत्म होने का इंतजार करें। इसके लिए 10 October तक की मोहलत ली। उन्होंने आंदोलनकारियों को अपने बच्चे,भाई-बहन,बेटे-बेटी का दर्जा देते हुए कहा कि उन पर दर्ज सभी मुकदमे स्वतः ही वापिस हो गए हैं। बॉबी पँवार से कहा कि आपके पास भी कोई List है तो वह भी दे दें। मैं बिलकुल नहीं चाहता कि एक भी प्रश्न चिह्न भर्ती प्रक्रिया पर लगे।
अहम पहलू मुख्यमंत्री की बातों का ये रहा कि खुद बॉबी और अन्य आंदोलनकारी सूबेदारों ने भी उनकी बातों पर तालियाँ बजाई-बजवाई। बॉबी ने मांग उठाई कि परीक्षा कक्ष में ही उत्तर पुस्तिका सील हो। आयोग अध्यक्ष पद को भर जाए। आंदोलनकारी नेताओं ने कहा कि ये बड़ी बात है कि भर्ती घोटालों की CBI जांच पहली बार कराई जा रही। इसके लिए CM का आभार जताया। हाल के सालों में युवा आँधी और बेरोजगारों के मसीहा बन के उभरे बॉबी पँवार की अगुवाई में UKSSSC नकल मामले की CBI जांच को ले के चल रहा धरना बहुत बड़ा मसला बन चुका था।
Congress इसका फायदा उठाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही थी। खुद BJP के भीतर से भी कई आवाजें युवाओं-छात्रों के हक में और खुल के उठ रही थी। सिवाय पूर्व राज्यपाल-पूर्व CM भगत सिंह कोश्यारी और BJP प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के। दोनों खुल के PSD के साथ खड़े रहे और जम के उनके समर्थन में बोले। राज्य के सांसदों और अधिकांश मंत्रियों की भूमिका इस मामले में हैरान करने वाली थी। वे या तो खामोश रहे या फिर खाना पूरी करते दिखाई दिए।
पूरे मसले, जो जंग में तब्दील होती दिख रही थी, को अकेले CM पुष्कर ने संभाला। आज इसका उद्यापन उन्होंने ही अपने बूते आंदोलनकारियों की मांगों को सहज और गरिमापूर्ण अंदाज में मान के अपने लिए खूब तालियाँ बजवा के किया। मुख्यमंत्री ने जहां बड़ा दिल दिखाया वहीं बॉबी और उनके समर्थक नेताओं का भी व्यवहार सरकार के उस मुखिया के प्रति वाकई शिष्ट और सम्मानजनक रहा, जिसको कुछ घंटे पहले तक भूखे-प्यास रह के कोस रहे थे। बॉबी ने आंदोलन को समर्थन देने वाले सभी पूर्व सैनिकों और अन्य संगठनों का आभार जताया। राम भाई से कहा कि वह हल्द्वानी-बड़कोट और अन्य जहां भी युवा आंदोलन कर रहे, उनसे बात कर आंदोलन स्थगित कराएँ।
मुख्यमंत्री के साथ शहर विधायक खजानदास भी थे लेकिन उनको भी PSD ने आखिर तक नहीं बताया था कि वे दोनों कहाँ जा रहे हैं। पुष्कर ने ये भी दिखाया कि देवभूमि में लोगों की रजा जानने और उस पर अमल करने का हुनर-गुर वह खूब जानते हैं। कौन सा काम कैसे निकाला जाए और किस समस्या को किस तरह हल किया जाए,इसमें भी उन्होंने साबित किया कि उनका कोई इस मामले में सानी नहीं है। पिछले साल 38 वें National Games की तारीखें देने में Indian Olympic Association हीला-हवाली कर रहा था। तब भी PSD ने मुख्यमंत्री होने के बावजूद Protocol को तिलांजलि दे दी थी। वह उत्तराखंड के हित में खुद ही IoA Office-दिल्ली चले गए थे। वहाँ IoA Chief PT उषा से मुलाक़ात कर स्पष्ट आयोजन तिथियों को मंजूर करा के ले आए थे।