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पढ़ाई संग देवभूमि की संस्कृति-परंपरा-पर्यटन प्रोत्साहन:Graphic Era में दिखा नजारा:पहाड़ी पकवानों की सुगंध-जायके ने बनाया दीवाना

Chetan Gurung

उच्च-तकनीकी-चिकत्सा शिक्षा की दुनिया में डुगडुगी बजा रहे Graphic Era समूह के विश्वविद्यालय देवभूमि की संस्कृति-परंपरा-पर्यटन को प्रोत्साहन देने में भी आगे हैं। आज विवि Campus में आयोजन के दौरान पहाड़ी पकवानों की सुगंध और जायके ने इसको चखने वालों को गज़ब का दीवाना-मदहोश बनाया।

ग्राफिक एरा डीम्ड विवि में उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति को पर्यटन के साथ जोड़ने का प्रयास भी किया गया। छात्र-छात्राओं को पर्वतीय सांस्कृतिक विविधता, पारंपरिक व्यंजन और लोक परंपराओं से रूबरू होने का अनोखा अवसर मिला.  विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पर्यटन व्यवसायी कैप्टन सरभदीप सिंह थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग, सरकार और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक साथ मिलकर प्रयास करना चाहिए। इससे हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।  उत्तराखंड अपनी समृद्ध संस्कृति, अनूठे व्यंजन और जीवंत परंपराओं को वैश्विक स्तर पर चमकाने में सक्षम होगा।

ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो- VC डा. संतोष एस. सर्राफ़ ने कहा कि पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीड है। इसे मजबूत बनाने के लिए सतत् विकास, योजनाबद्ध रणनीति और स्थानीय सहभागिता बेहद जरूरी है. उत्सव ग्रुप के निदेशक डा. राकेश भट्ट और प्रसिद्ध लोक गायिका डा. रेशमा शाह ने पहाड़ी लोकगीतों और जागर की गूंज से ऐसा माहौल रचा मानो श्रोतागण सीधे हिमालय की आंचल की वादियों में पहुंच गए। डा. भट्ट ने लोकगीतों और जागर के माध्यम से पर्यटन को लोकसंस्कृति से जोड़ती उत्तराखंड की नंदा राजजात यात्रा की गाथा को जीवंत कर दिया। कार्यक्रम में मीठू पहाड़ नाम से कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड की पारंपरिक मिठाइयां- रोंठ और अरसे को पारंपरिक विधि से बनते देखा और सीखा। उनके लाजवाब स्वाद और सोंधी खुशबू ने सभी को मानो सीधे पहाड़ों की वादियों में पहुंचा दिया।

गढ़वाली फूड फेस्टिवल में झंगोरे की खीर, चैसूं, लिंगड़े की सब्जी, थेचवानी, काफुली, लाल चावल जैसे उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों की भरपूर विविधता देखने और चखने को मिली। बीज प्रदर्शनी भी हुई। बीज बचाओ आंदोलन से जुड़े पर्यावरणविद  विपिन जरधारी ने नौरंगी, पहाड़ी राजमा, मंडवा, झंगोरा जैसे बीजों की जानकारी देकर स्थानीय कृषि परंपराओं पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने किया। यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डा. नरेश कुमार शर्मा, हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के HoD डा. अमर डबराल, हेनवल वानी कम्युनिटी रेडियो के रवि गुसाईं के साथ डा. VP उनियाल, डा. राकेश दानी, डा. रविश कुकरेती, आकाश रावत भी मौजूद रहे।

 

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