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हैकाथोन:Graphic Era में Students ने पेश किए तकनीकी समाधान:सस्टेनेबल टेक्नोलोजी का गूँजा संदेश:International Seminar का आयोजन

Chetan Gurung

Students ने आज Graphic Era में अनेक क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं का हैकाथन में तकनीकी समाधान प्रस्तुत किए। इसके लिए आयोजित हैकाथान में 250 से अधिक टीमों के 1200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने अपना दम दिखाया।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में नवाचार और तकनीकी समाधान की खोज को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट इंडिया हैकाथान का आयोजन किया गया। टीमों ने स्मार्ट एजुकेशन, कृषि एवं ग्रामीण विकास, पर्यटन, परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स, आपदा प्रबंधन, स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकी, स्मार्ट ऑटोमेशन, विरासत एवं संस्कृति, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स एंड ड्रोन, स्मार्ट वाहन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से जुड़ी वास्तविक समस्याओं पर कार्य किया।

Students ने नवोन्मेषी सोच, तकनीकी दक्षता और व्यावहारिक दृष्टिकोण के माध्यम से ऐसे समाधान प्रस्तुत किए जो समाज और उद्योग के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकेंगे। आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, मिनिस्ट्री ऑफ एजूकेशन, इनोवेशन सेल और AICTE ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर डीन ऑफ रिसर्च डा. भास्कर पंत, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के HoD डा. देवेश प्रताप सिंह मौजूद रहे।

–सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी का संदेश गूँजा–
CSIR-नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी के निदेशक डा. वेणुगोपाल अचन्ता ने कहा कि साल-2030 तक भारत की आधी ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से आएगी। इससे देश स्मार्ट टेक्नोलॉजी का रुख करेगा।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने कहा,`साल-2030 तक हमारी 50 प्रतिशत ऊर्जा और बिजली उत्पादन नवीकरणीय स्रोतों से होगा। इसी दिशा में सौर ऊर्जा सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है। हमारा लक्ष्य हर वर्ष 50 गीगावॉट क्षमता की स्थापना करना है’।  ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के कुलपति डा.नरपिन्दर सिंह ने कहा कि आज के छात्र केवल कल के वैज्ञानिक और इंजीनियर नहीं बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता के असली निर्माता है।  UJVNL के कार्यकारी निदेशक इंजीनियर विवेक अटरिया ने कहा कि सतत् विकास की राह में स्मार्ट तकनीक और ऊर्जा का समन्वय अनिवार्य है। जल और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सस्टेनेबल समाधानों का विकास ही आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य देगा।
सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग और इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ नेपल्स पार्थिनोप ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर ब्राजी़ल की फेडरल यूनिवर्सिटी, रियो दे जेनेरियो की प्रोफेसर ओलिविया QF अरौजो, BIS निदेशक सौरभ तिवारी, NICMR-दिल्ली के निदेशक और प्रोफेसर डा. राजेश गोयल, यूकास्ट के महानिदेशक डा. दुर्गेश पंत, IIT-दिल्ली के डा. सौविक दास, सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डा. KK गुप्ता मौजूद रहे। सम्मेलन का संचालन डा. दीपशिखा शुक्ला ने किया।

 

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